Kashmir: छह दिन बीते नहीं पहुंचा सबा का शव, अंतिम दीरार के लिए तरस रहे परिजन, केंद्र सरकार से लगा रहे गुहार
श्रीनगर की एमबीबीएस छात्रा सबा रसूल जिनकी ईरान में मृत्यु हो गई थी का पार्थिव शरीर अभी तक भारत नहीं पहुंचा है। परिवार पार्थिव शरीर के आने में हो रही देरी से परेशान है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दूतावास मामले को देख रहा है और जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। सफा कदल, श्रीनगर की रहने वाली एमबीबीएस की छात्रा सबा रसूल का पार्थिक शरीर अभी तक भारत नहीं पहुंचा है। सबा की पिछले हफ़्ते ईरान में मृत्यु हो गई थी।
परिवार के एक सदस्य ने बताया कि शव आज यानी बुधवार को नई दिल्ली पहुंचना था और फिर उसे श्रीनगर लाया जाना था। लेकिन अभी तक शव को दिल्ली नहीं लाया गया। परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा, हमें बताया गया था कि सभी तैयारियां पूरी हो गई है और आज उसका पार्थिव शरीर सौंप दिया जाएगा।
अब हमें पासपोर्ट जैसे अलग-अलग दस्तावेज़ लाने के लिए कहा जा रहा है। तेहरान से नई दिल्ली के लिए अगली उपलब्ध उड़ान शुक्रवार को है। हम विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से आग्रह करते हैं कि वे इस बारे में जल्द से जल्द जानकारी दें। परिवार की परेशानी और बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
हर बीतता पल परिजनों का बढ़ा रहा दुख
वहीं रिश्तेदारों ने कहा कि सबा की मौत को पांच दिन बीत चुके हैं, फिर भी उसका शव अभी तक नहीं लाया गया है। एक रिश्तेदार ने कहा, उसके माता-पिता बस अपनी बेटी का चेहरा आखिरी बार देखने और उसे सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं। हर बीतता घंटा उनके दुःख को और गहरा कर रहा है। वे उम्मीद से दरवाज़े की ओर देखते हैं, लेकिन उन्हें बताया जाता है कि अभी और देरी होगी।
इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि तेहरान स्थित भारतीय दूतावास इस मामले से अवगत है और आवश्यक प्रक्रियाओं में तेज़ी लाने के लिए काम कर रहा है। एक विज्ञप्ति में कहा गया है, दिवंगत सबा रसूल के पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
ईलाज में लापरवाही का लगाया आरोप
सबा, जो 2021 से उर्मिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं, का 15 अगस्त को स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के बाद निधन हो गया। ईरान में उनके दोस्तों और सहपाठियों ने घोर चिकित्सा लापरवाही का आरोप लगाया और दावा किया कि उनकी बिगड़ती हालत के बावजूद उन्हें लंबे समय तक बिना देखभाल के छोड़ दिया गया।
मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए हो जांच
इस बीच जम्मू और कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पत्र लिखकर उनके पार्थिव शरीर को स्वदेश लाने और उनकी मृत्यु की परिस्थितियों की गहन जांच के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। एसोसिएशन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि श्रीनगर में उनके दुखी माता-पिता और परिवार अपनी बेटी का चेहरा आखिरी बार देखने और उसे सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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बयान में कहा गया कि सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। देरी ईरानी पक्ष की ओर से हो रही है। हमें बताया गया है कि संबंधित कार्यालय अगले 2-3 दिनों तक बंद रह सकता है। इसका मतलब है कि उसकी स्वदेश वापसी में और पांच दिन लग सकते हैं। दिल्ली में ईरान के राजदूत के समक्ष भी इस मुद्दे को तत्काल उठाया गया है।
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