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    जम्मू-कश्मीर बाढ़ त्रासदी को ऊधमपुर डीडीसी ने बताया 'सदी की सबसे भयावह आपदा', केंद्र से मांगा विशेष राहत पैकेज

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 07:44 PM (IST)

    डीडीसी पंचैरी-मोंगरी जसवीर सिंह ने हालिया बाढ़ को सदी की सबसे भीषण आपदा बताते हुए केंद्र से राहत पैकेज की मांग की है। उन्होंने कहा कि आपदा से जम्मू-कश्मीर में विकास और आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में घरों, सड़कों और खेतों के नुकसान का उल्लेख किया। उन्होंने सरकार से प्रभावितों के पुनर्वास और बुनियादी सुविधाओं की बहाली के लिए विशेष राहत पैकेज देने का आग्रह किया है।

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    डीडीसी पंचैरी-मोंगरी जसवीर सिंह ने हालिया बाढ़ को सदी की सबसे भीषण आपदा बताते हुए केंद्र से राहत पैकेज की मांग की (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, ऊधमपुर। हालिया भारी वर्षा और बाढ़ से जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में हुई तबाही को पिछले एक सदी की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा करार देते हुए जिला विकास परिषद(डीडीसी) पंचैरी–मोंगरी जसवीर सिंह ने इस त्रासदी से उबरने के लिए केंद्र सरकार से एक बड़े राहत और पुनर्वास पैकेज की मांग की।

    उधमपुर में शुक्रवार को आयोजित प्रेस कांन्फ्रेंस में डीडीसी जसवीर सिंह ने कहा इस आपदा ने जम्मू-कश्मीर के विकास और आजीविका पर गहरा असर डाला है। हजारों घर जमींदोज़ हुए हैं, सड़कें और पुल बह गए हैं, जबकि खेत-खलिहान पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पंचैरी–मोंगरी क्षेत्र के लड्डा, दमनोत, कलसोत, बदोता, कुलटेयार, मीर, गलियोत, पंजर, दंधोता, लटियार और लाली सहित जंगलगली, जडसरकोटे, पट्ठी, माली, मानसर, पंगारा, तिरछी, नरोड, लद्दा, रेंगी, सुगलार जैसे गांवों में व्यापक नुकसान हुआ है। वहीं बसंतगढ़ और रामनगर जैसे दुर्गम इलाकों में भी स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है।

    उन्होंने कहा कि इस भीषण आपदा के दौरान प्रशासन, सेना और विभिन्न विभागों ने राहत व बचाव कार्यों में बेहतरीन समन्वय दिखाया। डिवकाम, डीडीसी चेयरमैन, विधायक, सांसद, जिला प्रशासन, तहसील प्रशासन, पुलिस, राजस्व, पीएमजीएसवाई, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य, खाद्य एवं आपूर्ति, विद्युत विकास विभाग और अन्य सभी एजेंसियों ने मिलकर लोगों को राहत पहुंचाने के लिए दिन और रात काम किया। उन्होंने विशेष रूप से भारतीय वायु सेना का आभार व्यक्त करते हुए कहा दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया और राशन व चिकित्सा सहायता मुहैया कराने में वायु सेना ने सराहनीय भूमिका निभाई।

    उन्होंने कहा कि अब हालात तो धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर के लिए एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। ताकि प्रभावित लोग अपने घरों और खेतों का पुनर्निर्माण कर सकें, और अपनी आजीविका दोबारा शुरू कर सकें। उन्होंने कहा कि सड़कों, जलापूर्ति, स्वास्थ्य केंद्रों और विद्यालयों जैसी बुनियादी सुविधाओं के पुनर्निर्माण और मरम्मत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

    उन्होंने बताया कि चिनाब नदी पर बने अडोग पुल, लड्डा में अंजी नाले पर बने पुल, और मोंगरी स्थित थाडली पुल जैसे महत्वपूर्ण ढांचों के तत्काल पुनर्निर्माण की भी मांग की। जसवीर सिंह ने इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की। ताकि किसान क्रेडिट कार्ड ऋणों की माफी, एक वर्ष तक मुफ्त राशन वितरण, और सर्दियों से पहले विस्थापित परिवारों के लिए अस्थायी आश्रय की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

    उन्होंने कहा कि चिनाब क्षेत्र रामबन से किश्तवाड़ तक के अलावा रियासी और कठुआ जिलों को भी भारी नुकसान हुआ है, इसलिए पूरे जम्मू क्षेत्र के लिए व्यापक राहत और पुनर्वास पैकेज की जरूरत है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से उम्मीद जताते हुए इस त्रासदी को ध्यान में रखते हुए प्रभावित लोगों के लिए शीघ्र और ठोस कदम उठाने की मांग की है।

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