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    जम्मू-कश्मीर के जिला ऊधमपुर में डेंगू के डंक का लगातार बढ़ रहा प्रकोप, वर्ष 2024 के मामलों का टूटा रिकार्ड

    By Sher Singh Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Mon, 10 Nov 2025 06:33 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर जिले में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। 2024 में डेंगू के मामलों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। ऊधमपुर में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है और स्वास्थ्य विभाग स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है। 

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    ऊधमपुर जिले में इस वर्ष डेंगू के मामलों की संख्या में भारी उछाल आया है।

    जागरण संवाददाता, ऊधमपुर। जिले में डेंगू के डंक का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और वर्ष 2024 के कुल 328 मामलों का रिकार्ड टूट गया है। वर्ष 2025 में 10 नवंबर तक जिले में कुल 405 डेंगू के मामले आ चुके और सोमवार को कुल 12 नए मामले सामने आए हैं। डेंगू के मामलों पर अंकुश लगाना अब भी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार जागरूकता अभियान चलाने के साथ सर्वे कर रही है।

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    वर्ष 2025 में पहली बार पहला डेंगू का मामला अप्रैल 2025 में सामने आया था। स्वास्थ्य विभाग को लग रहा था कि ज्यादा से ज्यादा जागरूकता अभियान चला कर इस बार भी पिछले वर्ष की तरह मामलों पर अंकुश लगा दिया जाएगा, लेकिन इस हालात लगातार ही बिगड़ते जा रहे हैं।

    मौसम साफ होने के कारण दिन के तापमान में बढ़ोतरी है और डेंगू के मच्छरों को पनपने के लिए अनुकूल माहौल मिल रहा है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी की गई सूची के अनुसार जिले में 12 नए डेंगू के मामले सामने आए हैं और इसी के साथ कुल आंकड़ा 400 को पार करते हुए 405 तक पहुंच गया है।

    वर्ष 2024 में डेंगू के कुल मामले 328 रहे थे और इससे स्वास्थ्य विभाग ने काफी राहत महसूस की थी और उम्मीद भी जताई थी कि वर्ष 2025 में इससे कभी कम मामले आएंगे, लेकिन अक्तूबर महीने की शुरूआत से ही मामले बढ़ते चले गए और नवंबर में पिछले वर्ष का रिकार्ड तोड़ते हुए मामले 400 को भी पार कर गए हैं और अब लग रहा है कि वर्ष 2022 का रिकार्ड भी टूट सकता है।

    वर्ष 2022 में जिले में कुल 559 डेंगू के मामले आए थे और वर्ष 2023 में तो रिकार्ड 729 मामले आए थे और इनमें से दो लोगों की डेंगू से मौत भी हो गई थी।

    सामने आ रहे तेज बुखार और शरीर में दर्द मामले

    जीएमसी ऊधमपुर में ही डेंगू के टेस्ट किए जा रहे है। जीएमसी में हर तेज बुखार और शरीर में दर्दों के मामले सामने आ रहे हैं। डाक्टटों में को जब इनमें डेंगू के लक्षण नजर आ रहे है तो कई लोगों के डेंगू के टेस्ट करवाए जा रहे हैं और इनमें कई लोग डेंगू के डंक का शिकार पाए जा रहे हैं। जीएमसी ऊधमपुर में अब तक कुल 1977 लोगों के डेंगू के टेस्ट किए जा चुके हैं और इनमें से 405 डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं।

    अब सामने आने लगे हैं चिकनगुनिया के मामले

    डेंगू की तरह ही मच्छर के काटने से लोग चिकनगुनिया का शिकार होते हैं और अब जिले में चिकनगुनिया के मामले भी सामने आने लगे है। सोमवार को जारी की गई सूची के अनुसार एक व्यक्ति चिकनगुनिया का शिकार पाया गया है और इसी के साथ जिले में चिकनगुनिया के मामलों की संख्या 7 तक पहुंच गई है। जिस प्रकार के हालात बने हैं तो लग रहा है कि आने वाले दिनों में डेंगू के साथ चिकनगुनिया के मामले भी बढ़ सकते हैं।

    डेंगू के मामलों का लगने वाला है दोहरा शतक

    डेंगू के सबसे अधिक 199 मामले मेडिकल ब्लाक टिकरी में ही सामने आए हैं। इसके बाद सबसे अधिक मामले 115 मामले मेडिकल ब्लाक चनैनी में सामने आए है। रामनगर में 29 और मजालता में 6 मामले सामने आए हैं। मेडिकल ब्लाक टिकरी मे अगले कुछ दिनों में डेंगू के मामलों का दाेहरा शतक लग जाएगा।

    घर में जमा किए पानी में मिल रहा डेंगू का लारवा

    जिले के कई शहर व ग्रामीण इलाकों में पानी की किल्लत की समस्या बनी हुई है। इसको लेकर लोग घरों में ड्रम व अन्य कई चीजों में पानी को जमा कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में यही पता चल रहा है कि घरों में जमा पानी में ही डेंगू का लारवा मिल रहा है और इसके बाद लोगों को तुंरत पानी को नष्ट करने और ज्यादा दिनों तक पानी जमा नहीं करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

    डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव को लेकर सावधानियां

    1. आसपास के वातावरण को साफ और सूखा रखें।
    2. बाल्टियों, टायरों, फूलदानों या अन्य बर्तनों में पानी एकत्र न होने दें।
    3. सभी पानी संग्रह करने वाले बर्तनों को ढककर रखें।
    4. कूलर और फूलदानों का पानी नियमित रूप से बदलते रहें।
    5. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
    6. मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का उपयोग करें।
    7. मच्छर के काटने से बचने के लिए पूरे बाजू के कपड़े पहनें।
    8. दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें या मच्छर रोधी जालियां लगाएं।
    9. मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करने के लिए सामुदायिक सफाई अभियान आयोजित करें।
    10. स्थानीय प्रशासन को मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए।
    11. लोगों को डेंगू व चिकनगुनिया के फैलने के कारणों और बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करें।

    चिकनगुनिया शब्द का अर्थ “जिसे झुकने पर मजबूर कर दे” होता है, क्योंकि इस रोग से पीड़ित व्यक्ति तीव्र जोड़ों के दर्द के कारण झुक जाता है। लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और त्वचा पर चकत्ते हो जाते हैं। इस रोग की अभी तक कोई विशेष दवा या टीका नहीं है, इसलिए सावधानी और रोकथाम ही इसका सबसे प्रभावी उपाय है। स्वास्थ्य विभाग डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव को लेकर लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है। इसके साथ शहर के अंदर नगर परिषद के साथ फिर कर फागिंग भी करवाई जा रही है। जागरूकता से ही हम मामलों को कम कर सकते है। विजय कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी, ऊधमपुर