ऊधमपुर में आवारा कुत्तों के खतरे से निपटने के लिए जिला प्रशासन की रणनीति, लोगों को सुरक्षित रखने के लिए काम शुरू
ऊधमपुर जिला प्रशासन ने आवारा कुत्तों के खतरे से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति शुरू की है। इसमें नसबंदी कार्यक्रम, जागरूकता अभियान और शिकायत निवारण तं ...और पढ़ें

मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कुत्तों के काटने की घटनाओं में तत्काल चिकित्सा सुविधा देने के निर्देश।
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर। ऊधमपुर में आम जनता को आवारा कुत्तों के बढ़ते डर और हमलों से राहत दिलाने के लिए जिला प्रशासन अब मिशन मोड पर काम कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पालन को लेकर जिला विकास आयुक्त सलोनी राय ने जिला स्तरीय समिति की बैठक बुलाई और आवारा कुत्तों पर नियंत्रण, उनके प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तृत समीक्षा की।
बैठक में डीसी ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि जिले के सभी स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, खेल मैदानों और अन्य संवेदनशील स्थलों की सूची तैयार की जाए, और वहाx सुरक्षा उपाय और निगरानी तुरंत लागू की जाए।
नगर परिषद को जिले में मौजूद सभी पेट शाप्स और डाग शेल्टर होम्स की पहचान और पंजीकरण पूरा करने तथा जिले में आवारा कुत्तों की 100 प्रतिशत नसबंदी और टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। यह कदम कुत्तों की अनियंत्रित बढ़ती संख्या को रोकने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जिले के सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों में एंटी-रेबीज वैक्सीन का पर्याप्त स्टाक उपलब्ध रहे, ताकि कुत्तों के काटने की घटनाओं में तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल सके और लोगों की जान बचाई जा सके।
इसके साथ ही जिला निकायों को कुत्तों के लिए अलग शेल्टर शेड और क्वारंटीन सुविधा केंद्र निर्माण करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें कुत्तों को सुरक्षित, मानवीय और नियंत्रित तरीके से रखा जा सकेगा। ऐसी सुविधाओं से न केवल नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि पशु कल्याण भी सुनिश्चित होगा।
डीसी सलोनी राय ने कहा कि यह अभियान केवल प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और बेफिक्र माहौल वापस लौटाने की कोशिश है। उन्होंने सभी विभागों को समन्वित कार्रवाई, नियमित निरीक्षण और समय पर प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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