वैष्णो देवी में भक्तों की भारी गिरावट, आखिर मां के दरबार में क्यों नहीं पहुंच रही भीड़; घोड़े-पिट्ठू वाले निराश
जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर (Mata Vaishno Devi) में भक्तों की संख्या में भारी कमी आई है, जिससे घोड़े और पिट्ठू वालों का काम प्रभावित हुआ है। आर्थिक मंदी और यात्रा के अन्य विकल्पों को इस गिरावट का कारण माना जा रहा है। मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए उपाय करने पर विचार कर रहा है। घोड़े-पिट्ठू वाले सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
-1760157389472.webp)
यात्रा में कमी के बीच मां वैष्णो के दरबार में गूंज रहे जयकारे। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी,कटड़ा। दीपावली और त्योहारी सीजन के चलते मां वैष्णो देवी की यात्रा (Maa Vaishno Devi) में कमी आई है, जिससे श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के दर्शन कर रहे हैं। पंजीकरण और दर्शन के लिए उन्हें कोई विशेष इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के दिव्य दर्शन के बाद भैरव घाटी की ओर बढ़ रहे हैं और बाबा भैरवनाथ के चरणों में हाजिरी लगाकर अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं।
धार्मिक आद्कंवारी मंदिर प्रांगण में पवित्र और प्राचीन गर्भ जून गुफा के दर्शन भी श्रद्धालुओं (Maa Vaishno Devi Yatra) द्वारा किए जा रहे हैं। यात्रा में कमी के कारण आधार शिविर कटड़ा में चहल-पहल कम हो गई है। वर्तमान में प्रतिदिन 8000 से 10000 श्रद्धालु यात्रा के लिए कटड़ा पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को मौसम साफ रहा, धूप खिली रही और ठंडी हवाएं चलती रहीं।
श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर सेवा, बैटरी कार सेवा और केवल कार सेवा की सुविधाएं उपलब्ध हैं। श्रद्धालु (Mata Vaishno Devi) इन सुविधाओं का लाभ उठाते हुए श्रद्धा के साथ मां वैष्णो देवी की यात्रा कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि दीपावली पर्व के बाद मां वैष्णो देवी की यात्रा में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी, जिसका व्यापारी वर्ग बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
बीते नौ अक्टूबर को 7800 श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी की यात्रा की थी। शुक्रवार शाम चार बजे तक लगभग 4600 श्रद्धालु पंजीकरण कराकर मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi Yatra) भवन की ओर रवाना हो चुके थे, और इक्का-दुक्का श्रद्धालुओं का आना जारी था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।