Bokaro News: आलू बीज कीमतों में उछाल से किसानों का बजट गड़बड़ाया, प्रशासन से दाम नियंत्रण की मांग
जैनामोड के जरीडीह प्रखंड में आलू बीज की कमी के कारण छोटे किसान मूल्य वृद्धि से परेशान हैं। दुर्गा पूजा से पहले 20 रुपये किलो बिकने वाला लाल आलू अब 35-37 रुपये किलो है। किसान बीज दुकानों पर मायूस लौट रहे हैं। विक्रेताओं का कहना है कि मंडी में तेजी से दाम बढ़े हैं। किसानों ने प्रशासन से मूल्य नियंत्रण की मांग की है, क्योंकि बारिश से पहले ही मक्का और टमाटर की फसल बर्बाद हो चुकी है।
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आलू के बीज कीमतों में आई तेजी से किसान परेशान। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, जैनामोड। जरीडीह प्रखंड क्षेत्र में आलू बीज का आवक नहीं होने के कारण छोटे किसानों के बीच अचानक मूल्य में हुई इजाफा से उन्हें चिंता सता रही है।
किसानों का कहना है कि जो लाल आलू बीज दुर्गा पूजा से पहले 20 रुपए किलो बिकता था, आज वही आलू 35-37 रुपए किलो बिक रही है। कुछ ऐसा ही हाल सादा आलू का भी है। आलू में अचानक आई मूल्य वृद्धि के कारण किसानों का बजट भी गड़बड़ा गई है।
नित्य दिन किसान बीज दुकानों पर पहुंच आलू का रेट सुनकर मायूस हो वापस लोट जा रहे हैं। इधर बीज विक्रेताओं का कहना है कि मंडी में कीमतों में आई तेजी के कारण आलू बीज महंगा हुआ है।
उनका तर्क है कि आपूर्ति और मांग के बीच असंतुलन से दाम बढ़े हैं।किसानों ने कहा कि इस वर्ष लगातार बारिश से मक्का और टमाटर की खेती पहले ही बर्बाद हो चुकी है।इतना ही नहीं पूर्व में जो किसान आलू लगाया था वह भी सड़क गया।
अब आलू बीज महंगा होने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गयी हैं। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि बीज के दामों में हो रही इस अनियंत्रित बढ़ोतरी पर रोक लगायी जाए और तय मूल्य पर बीज उपलब्ध कराया जाए, ताकि हम किसानों की हालत में सुधार आ सके।
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