मधुपुर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे, दुर्गा पूजा में श्रद्धालुओं को जाम के कारण हुई भारी परेशानी
देवघर के मधुपुर में दुर्गा पूजा के दौरान बाजार में भीड़ बढ़ने से यातायात व्यवस्था चरमरा गई। कई मालवाहक वाहनों के प्रवेश से मुख्य मार्गों पर जाम लग गया जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी हुई। स्थानीय लोगों ने स्थायी ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की मांग की है ताकि यातायात व्यवस्था सुचारू हो सके और अतिक्रमण की समस्या से निजात मिले।

संवाद सूत्र, मधुपुर (देवघर)। दुर्गा पूजा के उत्सवी माहौल में बाजार में भीड़ बढ़ गई है। सोमवार को मधुपुर में ट्रैफिक व्यवस्था अचानक शहर में बिगड़ गई। करण था कि कई मालवाहक वाहन बाजार में प्रवेश कर गया।
भगत सिंह चौक, रामचंद्र हटिया बाजार, डालमिया चौक, पटेल रोड में लगे जाम में दर्जनों छोटे बड़े वाहन फंस गए। इस कारण नवरात्रि की पूजा करने आए और बाजार में खरीदारी करने आए श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
लोगों का कहना है कि प्रशासन ने नवरात्रि पूजा को देखते हुए 10 दिन पूर्व से ही यातायात व्यवस्था सुधारने को लेकर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया।
लेकिन बड़े-बड़े वाहनों का वन वे और ट्रैफिक नियमों का अनुपालन नहीं करने पर यातायात व्यवस्था चरमरा गई । ऐसे में प्रशासन की व्यवस्था के ऊपर सवालिया निशान खड़ा हो गया।
लोग कहने लगे हैं मधुपुर में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे चल रहा है। स्थाई रूप से ट्रैफिक व्यवस्था नहीं किए जाने से आए दिन शहर में जाम लगने से लोग परेशान हैं।
शहर में जब जाम लगता है तो ट्रैफिक व्यवस्था ग्रामीण पुलिस यानी कि आम शब्द में कहें तो चौकीदार को खड़ा कर दिया जाता है। लोगों का कहना है कि जिन्हें ट्रैफिक नियमों को खुद ज्ञान नहीं है, जिन्हें किसी प्रकार का कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है।
वैसे चौकीदारों को हाथ में डंडा और मुंह में सीटी देकर चौक पर खड़ा कर वाहनों को आने जाने का रूट बताने की जिम्मेदारी दे दी जाती है। ऐसे में शहर की यातायात व्यवस्था और चरमरा जाती है।
सड़क पर वाहनों का लंबा कतार लग जाता है। यातायात व्यवस्था सुधारने को लेकर कई बार स्थानीय चेंबर आफ कॉमर्स समेत कई संस्थान के लोग शांति समिति की बैठक में चर्चा की है।
स्थायी रूप से शहर में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की मांग की गई है। मगर आज तक इस दिशा में कोई ठोस कदम प्रशासन के द्वारा नहीं उठाया गया, जिसका खामियाजा यहां के आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
शहर में समय के साथ वाहनों की संख्या में वृद्धि हो रही है। नगर परिषद का क्षेत्र में जनसंख्या काफी बढ़ गया है। पर्व त्योहार में दो-चार दिन के लिए पुलिस बल की तैनाती की जाती है।
वन वे रूट का अनुपालन कराया जाता है। इसके बाद शहर को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है। वहीं सड़क जाम करने वाले लोग भी हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर काम करते हैं।
शहर में अतिक्रमणकारियों का राज कायम है। ऐसे में कभी-कभी तो जाम से घंटो शहर की रफ्तार थम जाती है। स्थानीय लोगों ने यहां स्थायी ट्रैफिक पुलिस की प्रतिनियुक्ति की मांग की है।
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