भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी पर FIR, देवघर मंदिर के गर्भगृह में जबरन किया ये काम
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम मंदिर के नियमों का उल्लंघन करने और गर्भगृह में जबरन प्रवेश करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी में कहा गया है कि 2 अगस्त को श्रावणी मेले के दौरान जल चढ़ाने आए दोनों भाजपा सांसद अपने समर्थकों के साथ निकास द्वार से जबरन मंदिर में घुस गए।

जागरण संवाददाता, देवघर। गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम मंदिर के नियमों का उल्लंघन करने और गर्भगृह में जबरन प्रवेश करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि 2 अगस्त को श्रावणी मेले के दौरान जल चढ़ाने आए दोनों भाजपा सांसद अपने समर्थकों के साथ निकास द्वार से जबरन मंदिर में घुस गए। इस दौरान उन्होंने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की भी की। यह प्राथमिकी पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महासचिव कार्तिक नाथ ठाकुर के लिखित बयान पर वैद्यनाथ धाम मंदिर थाने में दर्ज की गई है।
शिकायत में कहा गया है कि सांसदों के "जबरन प्रवेश" और पुलिसकर्मियों के साथ "हाथापाई" से श्रद्धालुओं में भय व्याप्त हो गया और भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। दोनों सांसदों के अलावा, एफआईआर में कनिष्कान्त दुबे, सादरी दुबे और अभयानंद झा के नाम भी शामिल हैं। सभी पर धार्मिक परंपराओं के उल्लंघन और सरकारी काम में बाधा डालने जैसी धाराएं लगाई गई हैं।
सांसद निशिकांत दुबे ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे विशेषाधिकार हनन का मामला बताया है और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई का अनुरोध किया है। पूरी घटना की जानकारी देते हुए, पत्र में कहा गया है कि अधिकारियों द्वारा की गई ये घोर असंवैधानिक कार्रवाई न केवल गंभीर 'विशेषाधिकार हनन' है, बल्कि प्रोटोकॉल मानदंडों का भी उल्लंघन है।
अनुरोध है कि झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, झारखंड के पुलिस महानिदेशक, देवघर के जिलाधिकारी और देवघर के पुलिस अधीक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह भी अनुरोध है कि हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद से मेरे खिलाफ कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं, इसकी जांच का आदेश दिया जाए।
उन्होंने कहा कि गोड्डा के सांसद मंदिर समिति में ट्रस्टी भी हैं। इसके बावजूद, अधिकारियों ने दोनों सांसदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है। यह मुझे डराने-धमकाने और अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाकर संसदीय कार्य करने से रोकने की एक और कोशिश है।
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