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    17 को होगी बीबीएमकेयू सिडिकेट की बैठक

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 15 May 2021 01:44 AM (IST)

    धनबाद कोरोना संक्रमण को रोकने को लेकर पूरे राज्य में लॉकडाउन लगाया गया है। इससे विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में शैक्षणिक गतिविधियां बंद हैं। इसे देखते हुए शैक्षणिक सत्र में देरी नहीं हो इसके लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराने पर बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय विचार कर रही है। ऑनलाइन परीक्षा आयोजन एवं वेतन भुगतान संबंधी अन्य मामलों को लेकर 17 मई को बीबीएमकेयू सिडिकेट की बैठक आयोजित की गई है।

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    17 को होगी बीबीएमकेयू सिडिकेट की बैठक

    जागरण संवाददाता, धनबाद : कोरोना संक्रमण को रोकने को लेकर पूरे राज्य में लॉकडाउन लगाया गया है। इससे विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में शैक्षणिक गतिविधियां बंद हैं। इसे देखते हुए शैक्षणिक सत्र में देरी नहीं हो, इसके लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराने पर बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय विचार कर रही है। ऑनलाइन परीक्षा आयोजन एवं वेतन भुगतान संबंधी अन्य मामलों को लेकर 17 मई को बीबीएमकेयू सिडिकेट की बैठक आयोजित की गई है। सिडिकेट इस 16वीं बैठक में सात मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा। रजिस्ट्रार कर्नल डॉ. एमके सिंह की ओर से सिडिकेट बैठक को लेकर जारी अधिसूचना में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण के कारण माह मार्च और अप्रैल का वेतन विश्वविद्यालय को सरकार से प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसे में विश्वविद्यालय के आंतरिक स्त्रोत से वेतन भुगतान करने पर चर्चा की जाएगी। स्नातक एवं स्नातकोत्तर की परीक्षाओं के आयोजित और ऑनलाइन तरीका अपनाने पर विचार विमर्श किया जाएगा। एमबीबीएस की पूरक परीक्षा तथा अनुबंध कर्मी के सेवा विस्तार पर भी निर्णय लिया जाना है। इसके अलावा पिछली बैठकों में हुए निर्णय की संपुष्टी भी की जाएगी। बीबीएमकेयू कुलपति को मिला सेवा विस्तार

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    जागरण संवाददाता, धनबाद : बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव को सेवा विस्तार दिया गया है। वे 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। राजभवन से जारी आदेश में डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव को अगले तीन माह अथवा नियमित नियुक्ति नहीं होने तक यह सेवा विस्तार दिया गया है। बाताते चलें कि कोरोना संक्रमण के कारण राज्य में काफी नियुक्ति संबंधी कार्य नहीं हो पा रहे हैं। इन्हीं सभी को देखते हुए राजभवन ने यह आदेश दिया है। ताकि विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार से शैक्षणिक एवं प्रशासनिक गतिविधियां प्रभावित ना हो।