BCCL को कोविड सेस से मिली राहत, 113 करोड़ रुपये वापस करेगी झारखंड सरकार; हाई कोर्ट का फैसला
धनबाद बीसीसीएल को कोविड सेस के रूप में दिए गए 113.17 करोड़ रुपये वापस मिलेंगे। झारखंड उच्च न्यायालय ने बीसीसीएल की याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया। इससे कंपनी की वित्तीय हालत सुधरेगी और कोयला उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी। बीसीसीएल ने 15 जुलाई 2025 से ही कोविड सेस लेना बंद कर दिया था।

आशीष अंबष्ठ, धनबाद। बीसीसीएल को अब कोविड सेस के रूप में प्रतिटन कोयले के एवज में राज्य खनन विभाग को दी जाने वाली दस रुपये की राशि नहीं देनी होगी, बल्कि पांच जुलाई 2023 के बाद झारखंड सरकार को दी गई रकम बीसीसीएल को वापस मिलेगी।
बीसीसीएल ने 113 .17 करोड़ की रकम वापसी का दावा कर दिया है। बीसीसीएल की ओर से दायर याचिका पर इस फैसले से बीसीसीएल को राहत मिली है।
इस फैसले से कंपनी की वित्तीय स्थिति सुधरेगी, कोयला लेने वाले उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा, क्योंकि कोविड सेस की रकम कंपनी उपभोक्ता से ही लेकर जमा करती थी।
बड़ी मात्रा में कोयला उठाने वाली पावर व नन पावर कंपनियों के साथ लिंकेजधारकों को इस फैसले से काफी राहत मिलेगी। झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सत्यजीत नारायण प्रसाद व अरुण कुमार राय ने 21 अगस्त को इस परिप्रेक्ष्य में फैसला सुनाया है।
शुक्रवार को बीसीसीएल प्रबंधन को इसकी कॉपी मिली है। इसकी पुष्टि एक वरीय अधिकारी ने की। मालूम हो कि 15 जुलाई 2025 से बीसीसीएल ने भी इस मद में राशि लेना बंद कर दिया है। बीसीसीएल हर दिन करीब एक लाख टन कोयला डिस्पैच करती है।
इसके अनुसार दस लाख रुपया रोज व हर माह तीन करोड़ रुपये उसे उपभोक्ता से नहीं लेने होंगे। झारखंड सरकार की ओर से छह जुलाई 2020 की अधिसूचना के तहत पांच जुलाई 2023 तक कोविड सेस के रूप में राशि देनी थी।
बीसीसीएल ने नवंबर 2020 से कोविड सेस मद में प्रतिटन दस रुपये भुगतान शुरू किया था। 15 जुलाई 2025 के बाद इस मद उसने राशि देना व लेना बंद कर दिया।
कई बार विभाग को पत्र भी लिखा कि अगर सरकार को पांच जुलाई के बाद राशि वसूल करनी है तो पत्र या संकल्प उपलब्ध कराए। न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के बाद भी बीसीसीएल भुगतान करती रही।
खनन विभाग की ओर से कोई स्पष्ट पत्र नहीं मिलने पर बीसीसीएल ने 2024 में याचिका दायर कर दी। बीसीसीएल की ओर से अक्टूबर 2023-24 से फरवरी 2024 -2025 तक का ब्योरा दिया गया।
इसमें 113.17 करोड़ राशि वापसी का दावा किया गया। वहीं अधिसूचना के बाद जो भी राशि ली गई है, वित्त विभाग को उसकी सारी जानकारी राज्य सरकार को देनी होगी।
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