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    Chhath Puja 2025: अमेरिका में गूंज रहा... दुअरा में पोखरा खनाइल ह, अइहन छठी मइया आज

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 04:11 PM (IST)

    धनबाद के गौतम घोष अपनी पत्नी के साथ अमेरिका में छठ मना रहे हैं। उन्होंने अपने सास-ससुर को भी अमेरिका बुलाया है। घर में छठ की तैयारियां चल रही हैं और छठ गीत गूंज रहे हैं। इस बार नहाय-खाय से लेकर उषा अर्घ्य तक सबकुछ घर पर ही होगा। कोलंबिया में बसे भारतीय परिवार भी इस छठ में शामिल होंगे, जिससे सभी में उत्साह है।

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    अमेरिका में गूंज रहा... दुअरा में पोखरा खनाइल ह, अइहन छठी मइया आज

    तापस बनर्जी, धनबाद। दुअरा में पोखरा खनाइल ह, अइहन छठी मइया आज...। छठ पर्व हो और कानों में मिठास घोलती ये गीत सुनाई न दे, ऐसा हो नहीं सकता। वैश्विक फलक तक फैले छठ की इस मधुर धुन की झंकार सात समंदर पार संयुक्त राज्य अमेरिका में भी गूंज रही है। धनबाद के हीरापुर डीएस कॉलोनी के विजया इंक्लेव में रहने वाले गौतम घोष पत्नी रुचिता आनंद के साथ अमेरिका में बस गए हैं।

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    अमेरिका के साउथ कैरोलिना की राजधानी कोलंबिया में उनका आशियाना है। हजारों मील दूर बसे दामाद ने बोकारो में रहने वाले सास-ससुर आनंद शंकर व मधु कुमारी को अमेरिका आने का न्योता दिया। उनकी दिली इच्छा थी कि सास अमेरिका आए और वहीं छठ व्रत करे। दामाद का न्योता स्वीकार कर सास-ससुर अमेरिका पहुंच गए। छठ की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। घर-आंगन में छठ गीत गूंजने लगे हैं।

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    इस बार नहाय-खाय व खरना से लेकर संध्या व उषा अर्घ्य सबकुछ घर पर

    20-21 वर्षाें से छठ कर रहीं सास मधु का दामाद के घर पर छठ व्रत का यह दूसरा वर्ष है। पिछले साल नहाय-खाय व खरना घर पर हुआ था। संध्या व उषा अर्घ्य घर से थोड़ी दूर पर साउथ कैरोलिना के कल्चरल सेंटर व हिंदू मंदिर प्रांगण में अर्पण किया था। इस बार सबकुछ घर पर ही होगा। अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण घर के पीछे सुंदर तालाब में किया जाएगा।

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    कोलंबिया में बसे भारतीय परिवार भी बनेंगे हिस्सा

    गौतम के घर पर होनेवाले छठ में कोलंबिया में बसे भारतीय परिवार भी हिस्सा बनेंगे। नहाय-खाय, खरना से लेकर संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य में 50 से अधिक भारतीय परिवार शरीक होंगे। घर से हजारों मील दूर अपनी परंपरा और संस्कृति से जुड़ाव को लेकर इन परिवारों में भी खासा उत्साह है।

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    मधु कुमारी बताती हैं, बेटी-दामाद और नाती-नातिनों के बीच रह कर पर्व करना आत्मियता का बोध कराता है। छठ व्रत से मन को शांति मिलती है। यह हमारे लिए केवल पर्व नहीं बल्कि भावना है। मेरे छठ व्रत करने से यहां रहने वाले भारतीय परिवार भी काफी उत्साहित हैं। उनके परिवार की महिलाएं साथ आ गई हैं। यहां मिल-जुल कर महापर्व मनाएंगे।

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    वहीं, मधु के दामाद गौतम घोष कहते हैं, व्यस्त दिनचर्या के बीच अपनों के साथ वक्त बिताने का समय कम ही मिल पाता है। छठ के बहाने पूरा परिवार एकत्रित हुआ है। देश से बाहर रह कर अपनी संस्कृति को नजदीक से देखने और अनुभव करने का मौका मिलेगा। घर-आंगन में छठ गीत गूंज रहे हैं। मन आनंदित है। अपनी माटी की महक से तन-मन भर गया है।

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