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    कतरास खदान हादसा: NDRF ने तेज किया रेस्क्यू ऑपरेशन, एक ड्राइवर का शव बरामद

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 01:25 PM (IST)

    धनबाद के कतरास क्षेत्र में बीसीसीएल की खदान में हुए हादसे के बाद एनडीआरएफ ने बचाव अभियान चलाया। इस दौरान वैन ड्राइवर ग्यासुद्दीन का शव बरामद हुआ। अंबे माइनिंग की गाड़ी खदान में गिरने से पांच मजदूरों की मौत की खबर है। एनडीआरएफ की टीम नेतृत्व कौशल कुमार और कमांडेंट सुनील कुमार सिंह की निगरानी में बचाव कार्य में जुटी है।

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    कतरात खदान हादसे में NDRF ने तेज किया रेस्क्यू ऑपरेशन

    जागरण संवाददाता, धनबाद। बीसीसीएल के कांटापहाड़ी, कतरास स्थित ओपन कास्ट माइंस में शुक्रवार को हुए हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। शनिवार को रांची से पहुंची 9 बटालियन एनडीआरएफ की टीम ने गहरी खदान में उतरकर सर्च ऑपरेशन चलाया।

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    दोपहर करीब 12:35 बजे टीम ने गहन तलाशी अभियान के दौरान पानी से एक शव को बाहर निकाला। मृतक की पहचान गयासुर दास के रूप में हुई है। शव को औपचारिक प्रक्रिया पूरी कर सिविल प्रशासन को सौंप दिया गया है।

    एनडीआरएफ कमांडेंट सुनील कुमार सिंह के अनुसार, खदान में हादसे के बाद कुल तीन लोग लापता बताए जा रहे थे। तलाशी के दौरान एक शव की बरामदगी हुई, जबकि शेष दो शव अभी भी खदान की रिटेनिंग वाल्स के बीच फंसे हुए हैं।

    डीप डाइवर्स की मदद से लगातार प्रयास जारी है कि उन्हें सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला जा सके। टीम को उम्मीद है कि जल्द ही बाकी शव भी बरामद कर लिए जाएंगे।

    रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व कौशल कुमार कर रहे हैं। टीम ने कई बार गहरे पानी में उतरकर तलाशी अभियान चलाया। खदान की गहराई और पानी का स्तर ऑपरेशन में बड़ी चुनौती बना हुआ है, लेकिन एनडीआरएफ के जवान पूरे कौशल और हिम्मत से मिशन में जुटे हैं।

    इधर, बीसीसीएल की धनसार माइंस रेस्क्यू टीम भी मौके पर मौजूद है और तकनीकी सहयोग दे रही है। स्थानीय प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को घेराबंदी कर दिया है ताकि बचाव कार्य बिना किसी व्यवधान के जारी रहे।

    NDRF ने संभाला मोर्चा

    शनिवार सुबह करीब 11:05 बजे रांची से पहुंची एनडीआरएफ की बटालियन ने दो नौकाओं के साथ खोजबीन शुरू की। टीम का नेतृत्व कौशल कुमार कर रहे हैं, जबकि कमांडेंट सुनील कुमार सिंह खुद पूरे आपरेशन की निगरानी कर रहे हैं।

    सुनील कुमार सिंह ने बताया कि खदान करीब 300 फीट गहरी है, और उनकी टीम इस तरह के चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू आपरेशन में पूरी तरह से सक्षम है।

    एनडीआरएफ की लगभग 30 सदस्यीय टीम अभियान में जुटी है। टीम के प्रशिक्षित डीप ड्राइवर खदान के गहरे पानी में उतरकर तलाशी अभियान चला रहे हैं।

    तीन शवों की पहले ही हो चुकी है पहचान

    इस हादसे के बाद पुलिस ने पहले ही तीन शवों को बरामद करने का दावा किया था। अंगारपथरा ओपी प्रभारी के अनुसार, जिन शवों की पहचान हुई थी, उनमें अमन कुमार, स्वरूप गोप और अमित भगत शामिल थे। इन सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा चुका है।

    हादसे वाली सर्विस वैन को पहले ही पेलोडर मशीन और मुनीडीह से आए गोताखोरों की मदद से बाहर निकाल लिया गया था। हालांकि, उस समय ड्राइवर का शव नहीं मिल पाया था।

    सुरक्षा के कड़े इंतजाम, बचाव कार्य जारी

    हादसे के बाद से ही मौके पर जिला प्रशासन, बाघमारा अंचलाधिकारी गिरजानंद किस्कू, अंगारपथरा ओपी प्रभारी प्रवीण कुमार और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं।

    बीसीसीएल प्रबंधन ने कांटा पहाड़ी पैच के पास बैरियर लगा दिए हैं, फिर भी लोगों की भीड़ जमा हो रही है। आउटसोर्सिंग कंपनी के कैंप कार्यालय पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

    बीसीसीएल की धनसार माइन्स रेस्क्यू टीम भी मौके पर मौजूद है, लेकिन पानी में उतरने की तकनीकी क्षमता न होने के कारण वे एनडीआरएफ की टीम को सहयोग कर रहे हैं।

    फिलहाल एनडीआरएफ की टीम लगातार तलाशी में जुटी हुई है और स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है।

    वहीं मौक़े पर डीजीएमएस के निदेशक एके झा व बाल कृष्णन के साथ साथ बीसीसीएल के जीएम सुरक्षा मुख्यालय संजय सिंह, सुधाकर प्रसाद, सहित जीएम सिजुआ निर्झर चक्रवर्ती, कतरास क्षेत्र राजकुमार अग्रवाल, गोविंदपुर क्षेत्र केके सिंह मौके पर मौजूद हैं।

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