एक सप्ताह से शहरपुरा में तनाव का था माहौल, पुलिस सजग होती तो आज इतनी बड़ी घटना नहीं होती!
शहरपुरा में गुरुवार को हिंसक शक्ति प्रदर्शन कर जमसं और सिंह मेंशन समर्थक लक्की सिंह के कार्यालय में तोड़फोड़ की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी। लगभग एक सप्ताह से लक्की सिंह और बड़दाहा के कुछ ग्रामीणों की पिटाई के बाद यहां दोनों पक्षों में काफी तनातनी थी।

जागरण संवाददाता, झरिया: शहरपुरा में गुरुवार को हिंसक शक्ति प्रदर्शन कर जमसं और सिंह मेंशन समर्थक लक्की सिंह के कार्यालय में तोड़फोड़ की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी। लगभग एक सप्ताह से लक्की सिंह और बड़दाहा के कुछ ग्रामीणों की पिटाई के बाद यहां दोनों पक्षों में काफी तनातनी का माहौल था।
कुछ दिन पूर्व लक्की समर्थकों की ओर से बड़दाहा के छह ग्रामीणों सहित पूर्व सांसद बिनोद बिहारी महतो के रिश्तेदार की पिटाई के बाद माहौल और गर्म हो गया, लेकिन सिंदरी थाना पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। यही कारण है कि लक्की सिंह के कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना के बाद पुलिस की तैनाती तो कर दी गई थी, लेकिन रात में पुलिस चली गई। इसके कारण ग्रामीणों ने कुछ दिन पूर्व देर रात में लक्की के कार्यालय में हमला कर तोड़फोड़ की। गुरुवार को शक्ति प्रदर्शन करने के लिए बलियापुर और बड़दाहा के ग्रामीण सुबह से ही हवाई पट्टी में जुटने लगे थे। लोगों को अनहोनी की आशंका होने लगी थी। बावजूद इसके बलियापुर और सिंदरी थाना पुलिस गंभीर नहीं हुई।

आश्चर्य की बात तो यह है कि सिंदरी के डीएसपी अभिषेक कुमार ने भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद सैकड़ों ग्रामीणों ने शहरपुरा में अस्त्र शस्त्र के साथ खूब उत्पात मचाया। उनके सामने पुलिस की एक भी न चली। ताज्जुब की बात तो यह है कि बलियापुर, सिंदरी और आसपास के थानों की पुलिस के अलावा धनबाद से भी जवानों को स्थिति नियंत्रण में करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन ग्रामीणों के आगे यह बेबस और लाचार नजर आए। ग्रामीणों ने हिंसक प्रदर्शन करते हुए लाठी-डंडे तलवार चलाए। फायरिंग भी की। पुलिस अधिकारी सहित अनेक लोग जख्मी हुए। आधा दर्जन से अधिक वाहनों में तोड़फोड़ की गई, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर सकी। ग्रामीण हिंसक शक्ति प्रदर्शन कर चले गए। फिलहाल शहरपुरा के लोगों में दहशत और इलाके में तनाव व्याप्त है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।