25 साल का हुआ झारखंड, सड़कें बनीं और शिक्षा चमकी; अब धनबाद को एयरपोर्ट का इंतजार
15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बना। 25 वर्षों में राज्य ने कई महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए हैं। प्रशासनिक क्षमता का विस्तार हुआ है और सड़कों का जाल बिछा है। रांची, देवघर और बोकारो जैसे शहर हवाई मार्ग से जुड़ गए हैं। कारोबारियों का कहना है कि सरकार को नीति निर्माण में उन्हें शामिल करना चाहिए और 'जल, जंगल और जमीन' के सिद्धांतों पर चलते हुए विकास की गति को तेज करने की आवश्यकता है।

25 साल का हुआ झारखंड, सड़कें बनीं और शिक्षा चमकी; अब धनबाद को एयरपोर्ट का इंतजार
जागरण संवाददाता, धनबाद। 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होने के बार झारखंड को भारत के 28वें राज्य के रूप में एक सशक्त उम्मीद के साथ पहचान मिली थी। झारखंड आज अपने 25 वर्षों के सफर में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर पार कर चुका है। राज्य की इस यात्रा का मूल्यांकन करते हुए मंगलवा को धनबाद के दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित एक विशेष संवाद में शहर के प्रमुख कारोबारियों और चैंबर प्रतिनिधियों ने सकारात्मक प्रगति पर खुलकर चर्चा की।
संवाद की शुरुआत राज्य की बुनियादी उपलब्धियों से हुई जिसमें राज्य की प्रशासनिक क्षमता का विस्तार 18 से 24 जिलों तक होना और पूरे प्रदेश में सड़कों के जाल का बिछना प्रमुख रहा। इसके अलावा राज्य में तेजी से फलजा सड़क सड़को के जाल को भी सराहनीय माना गया हलांकि इस विकास में केंद्र के सहयोग को भी सराहनीय बताया। कारोबारियों ने कहा कि बिजली और संचार व्यवस्था में आए अभूतपूर्व सुधार ने आम जनजीवन को सरल बनाया है।
इसके अलावा रांची, देवघर, और बोकारो जैसे महत्वपूर्ण शहरों का हवाई मार्ग से जुड़ना झारखंड को राष्ट्रीय मानचित्र पर तेजी से उभरने का प्रमाण है। यह कनेक्टिविटी राज्य के आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रही है। हालांकि कारोबारियों ने कहा कि धनबाद जैसी कोयला राजधानी के लिए एयरपोर्ट जैसी बुनियादी सुविधा का इंतजार यहां के लोगों को आज भी है जिसके लिए सरकार को और तेजी से प्रयास करने की आवश्यकता है।
इस दौरान कई कारोबारियों ने यह भी माना कि देवघर का बाबाधाम, पारसनाथ, नेतरहाट, और रजरप्पा जैसे स्थल कोल्हान और छोटानागपुर की प्राकृतिक सुंदरता को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं जो राजस्व और पहचान दोनों का एक सकारात्मक स्रोत है। इन 25 सालों में राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन एक मजबूत पहचान बनकर उभरे हैं।
क्या कहते हैं कारोबारी?
मिनरल राजस्व से सड़कों का विकास हुआ है, यह एक सकारात्मक बदलाव है। राज्य की बेहतरी के लिए, सरकार को नीति निर्माण में कारोबारियों को शामिल करना चाहिए, ताकि स्थानीय आर्थिक हितों को प्राथमिकता मिल सके। - राणा रवि राज सिंह, जनरल सेकरेट्री, लघु उद्योग भारती
विकास के कई कार्य हुए हैं, लेकिन पावर कट की समस्या कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती है। सरकार को चाहिए कि बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करे, ताकि औद्योगिक पलायन रुके और विकास का मकसद पूरा हो। - राहुल डोकानिया, विक्टोरिया माइनिंग पीभीटी इन हिंदी
25 सालों में कई सरकारी कार्य हुए हैं, जो विकास की दिशा में हैं। अब सरकार को 'जल, जंगल और जमीन' के सिद्धांतों पर चलते हुए विकास की गति को तेज करने और जनता की उम्मीदों को पूरा करने की आवश्यकता है। - अजय श्रीवास्तव, कारोबारी सरायढेला चैंबर
अलग राज्य गठन के बाद विकास कार्य हुए हैं, पर हमें और तेज़ चलना होगा। सरकार को बुनियादी ढांचे, औद्योगिकीकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य को आगे ले जाने के लिए मिशन मोड में काम करने की जरूरत है।- संजय सोनी, सचिव, सरायढेला चेंबरशिक्षा में सुधार की सख्त जरूरत है, ताकि बच्चों को बाहर न जाना पड़े। धनबाद में एयरपोर्ट जैसी प्रमुख मांग पूरी हो। सरकार को रोटी, कपड़ा और मकान की मूलभूत जरूरतों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। - श्रवण सिन्हा अध्यक्ष, सरायढेला चेंबर
बिहार के जंगल राज से मुक्ति एक बड़ी राहत है। विकास की गति तेज करने के लिए, सरकार को कारोबारी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी, क्योंकि सुरक्षित कारोबारी ही राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। - श्रीकांत सौंडिक, सचिव, हीरापुर हटिया
25 वर्षों में सरकारों के प्रयास रहे हैं, लेकिन लोकल कारोबारियों को विशेष सुविधाएं देकर निवेश को आकर्षित करना चाहिए। लोकल व्यापार के स्तर को ऊपर उठाने के लिए सरकार को सकारात्मक पहल करनी चाहिए। - जितेंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष, बाजार समिति चेंबर
खनिज संपदा का सदुपयोग करते हुए झारखंड में और बदलाव हुए हैं। सरकार को विकास कार्यों में तेजी लानी चाहिए, खासकर धनबाद में मेट्रो या एयरपोर्ट जैसी बड़ी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। - मनोरंजन सिंह, अध्यक्ष, हीरापुर हटिया चेंबर
झारखंड आंदोलन का मूल मकसद क्षेत्रीय उपेक्षा को समाप्त करना था। 40% खनिज संपदा के साथ, संयुक्त और स्थिर विचारधारा वाली सरकारें काम करें, तो राज्य की स्थिति और अच्छी हो सकती है। - अजय नारायण लाल, अध्यक्ष, पुराना बाजार चेंबर
स्थिर सरकार (2015-20) के दौरान विकास और भ्रष्टाचार में कमी आई, यह राज्य के लिए महत्वपूर्ण था। सरकार को जाति-धर्म से अलग हटकर साधारण जनमानस के हित में काम करने की आवश्यकता है। - सुरेंद्र अरोड़ा, पूर्व अध्यक्ष, बैंक मोर चेंबर
झारखंड ने 25 सालों में सकारात्मक प्रगति की है। सरकार को अपराध और भ्रष्टाचार पर सख्त रोक लगानी चाहिए, जिससे पलायन रुके और निवेश के लिए सुरक्षित माहौल बन सके। - प्रेम प्रकाश गंगेसरिया, सचिव, धनबाद जिला मोटर डीलर एसोसिएशन
अस्थिरता के बावजूद झारखंड में कार्य हुए हैं। टूरिज्म और शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड-छत्तीसगढ़ से सीख लेकर, सरकार और जनता दोनों को राज्य को ऊपर ले जाने के लिए जिम्मेदारी निभानी होगी। - गौरव गर्ग, सचिव, बाजार समिति चेंबर
राज्य के विकास के लिए सरकार को सजगता से काम करना चाहिए। किसी भी मंत्री या अधिकारी के असंतुष्टिजनक प्रदर्शन पर उन्हें तत्काल बदलने की पहल विकास में क्रांति ला सकती है। - संतोष चौरसिया, सचिव बरटांड चेंबर
स्वास्थ्य और शिक्षा समेत जल, जंगल, जमीन की समस्याओं को गंभीरता से हल करने की जरूरत है। इन बुनियादी क्षेत्रों पर ध्यान देने से राज्य के विकास में बड़ा और सकारात्मक फल मिलेगा। - मनीष कुमार, संगठन सचिव बरटांड चैंबर

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