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    Marriage Registration: शादी के बाद पहला काम-विवाह निबंधन, क्योंकि फायदे हैं आपके भविष्य से जुड़े

    By Ramjee Yadav Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 02:13 PM (IST)

    Marriage Registration: झारखंड में विवाह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और बाल विवाह को रोकना ह ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, निरसा (धनबाद)। Marriage Registration Mandatory in Jharkhand: झारखंड में अनिवार्य विवाह निबंधन अधिनयम लागू किया गया है, ताकि सभी विवाहों का सटीक रिकॉर्ड तैयार हो सके और दंपत्ति को आवश्यक कानूनी व सरकारी लाभ मिल सकें। इसके बावजूद कई लोग जागरूकता के अभाव में शादी के बाद पंजीयन कराने में लापरवाही बरतते हैं, जिससे उन्हें भविष्य में विभिन्न योजनाओं, कानूनी प्रक्रियाओं और दस्तावेजों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 

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    झारखंड में वर्ष 2017-18 में अनिवार्य विवाह निबंधन लागू हुआ। सरकार ने प्रक्रिया को सरल बनाते हुए पंचायत स्तर पर ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराई है, ताकि लोगों को रजिस्ट्री ऑफिस के चक्कर न लगाने पड़ें और हर शादी को वैधानिक सुरक्षा मिल सके। लेकिन जागरूकता की कमी के कारण अधिकांश लोग विवाह के पंजीकरण में लापरवाही बरत रहे हैं।

    धनबाद जिले का निरसा प्रखंड इसका प्रमुख उदाहरण है, जहां प्रतिवर्ष हजारों शादियां होने के बावजूद 2018 से 2025 तक केवल 99 विवाहों का ही निबंधन हुआ है। वर्ष 2018 से 2024 तक मात्र 80 और 2025 में अब तक केवल 19 विवाह पंजीकृत हुए हैं।

    निरसा प्रखंड की 27 पंचायतों में से नौ पंचायतें—भागाबांध, बैजना, वीरसिंहपुर, खुशरी, मदनडीह, उपचुरिया, माड़मा, श्यामपुर और हरियाजाम—ऐसी हैं जहां 2018 से अब तक एक भी विवाह निबंधन नहीं हुआ है। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी लोग विवाह पंजीयन के महत्व और लाभों से अनजान हैं।

    सरकार ने प्रक्रिया को सरल करते हुए रजिस्ट्री ऑफिस के बजाय पंचायतों में ही विवाह पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई है। इसके लिए पति-पत्नी का फोटो, विवाह समारोह की तस्वीर, तीन गवाहों के फोटो-आधार, दूल्हे की न्यूनतम आयु 21 वर्ष व दुल्हन की 18 वर्ष का प्रमाण, शादी का निमंत्रण पत्र, पंचायत मुखिया/उपमुखिया के हस्ताक्षरयुक्त प्रमाणपत्र तथा बीपीएल कार्ड (यदि लागू हो) आवश्यक है।

    बीपीएल परिवारों के लिए यह पूरी तरह निःशुल्क है, जबकि अन्य को केवल ₹50 शुल्क देना होता है। दस्तावेज जमा करने के एक माह के भीतर ऑनलाइन प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है।

    विवाह रजिस्ट्रेशन के प्रमुख फायदे 

    1. कानूनी मान्यता
      विवाह प्रमाणपत्र पति-पत्नी के संबंध को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है और उनकी वैवाहिक स्थिति को प्रमाणित करता है।

    2. सरकारी योजनाओं का लाभ
      विधवा पेंशन, पारिवारिक लाभ योजनाएं, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं आदि प्राप्त करने में विवाह प्रमाणपत्र अनिवार्य दस्तावेज के रूप में काम आता है।

    3. पासपोर्ट और वीजा प्रक्रिया में उपयोगी
      विदेश यात्रा, वीजा आवेदन तथा दंपत्ति संबंधी सत्यापन में विवाह प्रमाणपत्र की आवश्यकता पड़ती है।

    4. संपत्ति और उत्तराधिकार मामलों में मददगार
      किसी दुर्घटना, संपत्ति विवाद या उत्तराधिकार संबंधी मामलों में पति-पत्नी के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए विवाह प्रमाणपत्र महत्वपूर्ण होता है।

    5. विवाद की स्थिति में कानूनी सुरक्षा
      पारिवारिक विवाद, सामाजिक समस्याओं या उत्पीड़न के मामलों में विवाह प्रमाणपत्र एक मजबूत कानूनी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।

    सभी पंचायत सचिवों के पास आवश्यक आईडी उपलब्ध हैं और आवेदन करते ही निर्धारित समय सीमा में प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है।  पंचायत प्रतिनिधियों और समाज के लोगों को जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि विवाह निबंधन न केवल कानूनी आवश्यकता है, बल्कि दंपत्ति के अधिकार और सुरक्षा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।- इंद्रलाल ओहदार, बीडीओ, निरसा