Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वेतन समझौता मामले पर संयुक्त सचिव को डीपीई से लाइजिनिंग की जिम्मेवारी, श्रमिकों में बढ़ रहा आक्रोश

    By Mohit TripathiEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Sun, 22 Jan 2023 04:49 PM (IST)

    Coal India Salary Hike 2023 कोयला कर्मचारियों को 11 वें वेतन समझौता में 19 फीसदी एमजीबी को डीपीई द्वारा स्वीकृत किया जाता है तो ग्रेड एक वन कोल कर्मियों का वेतन अधिकारियों के ग्रेड ई फोर रैंक से अधिक हो जाएगा।

    Hero Image
    3 जनवरी को जेबीसीसीआइ बैठक में बनी थी सहमति, अब तक जारी नहीं हुआ पत्र

    धनबाद, आशीष अंबष्ठ: कोयला कर्मचारियों को 11 वें वेतन समझौता में 19 फीसदी एमजीबी को डीपीई द्वारा स्वीकृत किया जाता है तो ग्रेड एक वन कोल कर्मियों का वेतन अधिकारियों के ग्रेड ई फोर रैंक से अधिक हो जाएगा।

    19 फीसद एमजीबी को स्वीकृति मिलने पर क्या होगा

    19 फीसदी एमजीबी को स्वीकृति मिलती है तो गैर अधिकारियों के ग्रेड ए वन का बेसिक 71,031 रुपये हो जाएगा, जो कि अधिकारियों के ई 4 के बेसिक 70 हजार से अधिक हो जाएगा। अधिकारियों के संगठन का कहना है कि वेतन विवाद खत्म नहीं किया तो यह उनके साथ अन्याय होगा। डीपीई 19 फीसदी एमजीबी को लेकर सहमत नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोयला मंत्रालय ने संयुक्त सचिव बी प्रसाद पति को मामले को लेकर डीपीई के साथ लाइजिनिंग के लिए लगा रखा है। कहा जा रहा है कि वित्त मंत्रालय सीधे तौर पर कोयला मंत्रालय की बात नहीं सुनेगा।

    गैर अधिकारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक नहीं होना चाहिये

    जबकि 10वें वेतन समझौते के बाद ग्रेड ए वन का वेतन ई टू से कम था। कोल माइंस अफसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमओएआई) डीपीई की गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करने की मांग कर रहा है। अफसरों के संगठन का कहना है कि गैर अधिकारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक नहीं होना चाहिए।

    19 दिन बाद भी कोल इंडिया प्रबंधन ने नहीं जारी की अधिसूचना

    कोयला कामगारों के 11 वें वेतन समझौते के तहत 19 फीसदी एमजीबी पर बनी सहमति को 19 दिन गुजर चुके हैं। 3 जनवरी को ही जेबीसीसीआई की बैठक में सहमति बनी थी। हालांकि अब तक इस पर अंतिम यानी अधिकारिक मुहर नहीं लग सकी है। मामला डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस के पास लटका हुआ हुआ। बताया जाता है कि कोल मंत्रालय ने एक संयुक्त सचिव को इस मामले को देखने लिए कहा है।

    श्रम संगठनों ने भी शुरू की मंत्रणा

    मामला फंसता देख कोयला के श्रमिक संगठनों ने भी आपस में मंत्रणा शुरू कर दी है। प्रबंधन पर कैसे दबाव बनाकर अधिसूचना जारी कराया जाए, इसको लेकर सभी अपने-अपने स्तर से प्रयास करने में लगे है। इधर मजदूर पहले ही डिमांड से 31 प्रतिशत एमजीबी कम मिलने से आक्रोश में है। यूनियन ने 50 प्रतिशत एमजीबी का प्रस्ताव दिया था, जो 19 प्रतिशत पर आ गया।