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    Nisha Murder Case: एकतरफा प्रेम में मैनेजर ने आफिस में उतारा था मौत के घाट, कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

    By Niraj Duby Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Tue, 18 Nov 2025 12:43 PM (IST)

    Nisha Murder Case: निशा हत्याकांड मामले में धनबाद कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। एकतरफा प्रेम में अंधे मैनेजर ने ऑफिस में ही निशा की हत्या कर दी थी। कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। यह घटना एकतरफा प्यार के खतरनाक परिणाम को दर्शाती है और समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश देती है।

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    ब्रांच मैनेजर नीरज आनंद और निशा कुमारी। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, धनबाद। बैंकमोड़ थाना क्षेत्र में 21 जनवरी 2024 को हुए चर्चित निशा कुमारी हत्याकांड में जिला एवं सत्र न्यायालय ने सोमवार को टाटा म्यूचुअल फंड के ब्रांच मैनेजर नीरज आनंद को उम्रकैद की सजा सुनाई।

    महज़ 18 महीनों में निशा कुमारी हत्याकांड का निपटारा न्यायिक व्यवस्था की सक्रियता और धनबाद पुलिस की त्वरित व सटीक जांच का अहम उदाहरण माना जा रहा है।

    जांच में खुलासा हुआ कि विवाहित अभियुक्त नीरज आनंद अपनी सहयोगी निशा कुमारी से एकतरफा प्रेम और जुनूनी आसक्ति रखता था। जब उसे पता चला कि निशा की शादी किसी अन्य युवक से तय हो गई है, तो उसके भीतर ईर्ष्या और द्वेष बढ़ गया।

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    शादी की तैयारियों के दौरान उसने अपने क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर सहानुभूति हासिल करने तथा बाद में इसी आधार पर ब्लैकमेल करने की योजना बनाई।

    नौकरी छोड़ने के बावजूद नीरज लगातार व्हाट्सऐप मैसेज और फोन कॉल कर निशा को परेशान करता रहा। हत्या से एक दिन पहले उसने उसे 100 से अधिक कॉल और 65 संदेश भेजे और ऑफिस आने के लिए दबाव बनाया।

    रविवार को ऑफिस बंद रहने का फायदा उठाकर वह दो घंटे पहले ही ऑफिस पहुंच गया और निशा को बुलाकर प्रताड़ित किया। इसके बाद उसने धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी।

    वारदात के बाद नीरज ने सबूत मिटाने की कोशिश की और ऑफिस का गेट बाहर से बंद कर फरार हो गया। तीन दिनों तक वह बाइक और एम्बुलेंस की मदद से लगातार ठिकाने बदलता रहा, लेकिन 24 जनवरी 2024 को पुलिस की विशेष टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

    पुलिस ने फॉरेंसिक, इलेक्ट्रॉनिक और साइबर साक्ष्यों के आधार पर समय पर चार्जशीट दाखिल की। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 25 गवाह पेश किए। अनुसंधानकर्ता रमन कुमार विश्वकर्मा, साधन कुमार और रंजीत कच्छप की भूमिका मामले में महत्वपूर्ण रही।

    49 दिनों की सुनवाई के बाद अदालत ने सोमवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। निर्णय से पीड़ित परिवार ने संतोष व्यक्त किया है।