महिलाओं के साथ बच्चों और युवाओं में भी बढ़ा थायराइड का खतरा, इस गंभीर बीमारी की भी बन रहा वजह
धनबाद में थाइराइड के लगभग ढाई लाख मरीज हैं जिनमें से कई मधुमेह से भी पीड़ित हैं। डॉ. ऋषभ कुमार राणा के अनुसार थाइराइड हार्मोन को असंतुलित करता है जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ता है। जागरूकता के लिए 25 मई को विश्व थाइराइड दिवस मनाया जाता है। एसएनएमएमसीएच और सदर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था है। थाइराइड के दो प्रकार हैं हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म।

मोहन गोप, धनबाद। World Thyroid Day 2025: आज की भागदौड़ की जिंदगी और बदलता लाइफस्टाइल थायराइड को बढ़ावा दे रहा है। थायराइड हो जाने के बाद यह शरीर के मेटाबालिज्म (हार्मोन) को असंतुलित कर रहा है और इससे थायराइड के मरीज ब्लड प्रेशर और मधुमेह के मरीज भी बन रहे हैं।
विभागीय अनुमान की मानें तो धनबाद में लगभग ढ़ाई लाख लोग थायराइड से ग्रसित हैं। इसमें 40 हजार लोग ऐसे हैं, जिन्हें थायराइड के साथ मधुमेह और उच्च रक्तचाप भी है। समय रहते थायराइड की पहचान और उपचार करने से इस पर काफी नियंत्रण पाया जा सकता है।
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ऋषभ कुमार राणा बताते हैं थायराइड असल में शरीर के हार्मोन को बिगाड़ देता है।
इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह धीरे-धीरे कई रोगों को जन्म देता है। जागरूकता को लेकर हर वर्ष 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष का थीम थायराइड विकारों की रोकथाम और प्रारंभिक पहचान है।
थायराइड से मधुमेह होने की आशंका
डॉ. राणा बताते हैं कि विभिन्न स्रोतों से यह पता चला है कि थायराइड हो जाने के बाद मधुमेह होने की आशंका बढ़ जाती है। हाइपोथाइराइडिज्म मेटाबालिज्म को धीमा कर देता है। इससे शरीर में इंसुलिन का असर घटने लगता है। ऐसे लोगों को टाइप टू डायबिटीज होने की आशंका ज्यादा होती है।
उन्होंने कहा कि थायराइड को लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन इसकी वजह से लगातार थकान महसूस करना, मूड स्विंग होना, बालों का झड़ना, नींद में गड़बड़ी, मेमोरी लास अथवा महिलाओं के पीरियड अनियमित होने लगते हैं।
धनबाद में ढ़ाई लाख लोग खा रहे हैं थायराइड की दवा
फिलहाल धनबाद में ढ़ाई लाख लोग थायराइड की दवा खा रहे हैं। आमतौर पर महिलाओं की यह बीमारी पुरुषों को भी तेजी से अपनी ओर चपेट में ले रहा है। डॉ. राणा बताते हैं कि नए रिपोर्ट के अनुसार बच्चों में भी तेजी से थायराइड के मामले बढ़ रहे हैं। इसके पीछे का कारण लाइफस्टाइल में बदलाव और असंतुलित खान-पान है। तनाव में एक बड़ा कारण बन रहा है।
मेडिकल कॉलेज और सदर अस्पताल में इलाज और जांच की व्यवस्था
एसएनएमएमसीएच में थायराइड, मधुमेह और ब्लड प्रेशर के लिए अलग से क्लिनिक खोला गया है। ऐसे मरीजों को यहां पर जांच और उपचार किया जा रहा है। इसके साथ ही सदर अस्पताल में भी थायराइड मधुमेह की जांच की व्यवस्था की गई है। हर दिन दोनों जगह पर 50 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं।
क्या है थायराइड?
थायराइड गर्दन के सामने एक छोटी तितली के आकार की ग्रंथि है। यह हार्मोन बनाता है, जो शरीर द्वारा ऊर्जा के उपयोग के तरीके को नियंत्रित करता है। यह हार्मोन शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करते हैं और आपके शरीर के कई सबसे महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करते हैं।
यह दो प्रकार हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म होता है। हाइपो में वजन बढ़ने लगता है। जबकि हाइपर में वजन कम होने लगता है।
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