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    Vande Bharat: वंदे भारत का दरवाजा लॉक, इमरजेंसी बटन भी बेअसर; मची चीख-पुकार

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 02:37 PM (IST)

    वंदे भारत एक्सप्रेस में तकनीकी खराबी आने से यात्रियों को भारी परेशानी हुई। ट्रेन का दरवाजा लॉक हो गया और इमरजेंसी बटन भी काम नहीं कर रहा था, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई। तकनीकी टीम ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा खोला, जिसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।

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    वंदे भारत का दरवाजा लॉक, इमरजेंसी बटन भी बेअसर; मची चीख-पुकार

    तापस बनर्जी, धनबाद। रात के 10:30 बजे थे। गया से हावड़ा जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस हावड़ा स्टेशन पहुंची थी। ट्रेन में लगे पैसेंजर अनाउंसमेंट पीए सिस्टम में घोषणा हुई, दरवाजे दाहिनी ओर खुलेंगे। यात्री कतार में खड़े होकर गेट खुलने की प्रतीक्षा करने लगे। 10 मिनट तक इंतजार के बाद भी गेट नहीं खुले।

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    यात्री घबरा गए और इमरजेंसी बटन दबाया। फिर भी कोई मदद नहीं मिली। पैंट्री कार कर्मचारियों से अनुरोध किया, उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिये। इसी बीच कोच की एसी और लाइटें भी बंद हो गईं। अंधेरा छाते ही बच्चों ने रोना तो महिलाओं ने चिल्लाना शुरू कर दिया। पूरे कोच में दहशत फैल गई।

    काफी देर बाद ट्रेन का पीए सिस्टम चालू हुआ। घोषणा हुई, यात्रीगण घबराएं नहीं, ट्रेन के दरवाजे मैनुअली खोले जाएंगे। काफी इंतजार के बाद आखिरकार दरवाजे मैनुअली खोले गए और तब यात्रियों का जत्था नीचे उतरा। धनबाद से हावड़ा तक यात्रा करने वाले राणा ने रेलवे की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

    एक्स पर घटना का वीडियो भी शेयर किया है। पूछा कि कर्मचारियों को आपातकालीन प्रोटोकाल के बारे में क्यों नहीं सिखाया जाता है? किसी आपात स्थिति या आपदा की स्थिति में ट्रेन कर्मचारियों की प्रतिक्रिया क्या होगी? जवाब में पूर्व रेलवे की ओर से कहा गया कि मामला संबंधित अधिकारी को फॉरवर्ड कर दिया गया है।

    पैसेंजर ट्रेनों सा था माहौल, तेज आवाज में देख रहे थे रील्स, व्यस्त थे हेल्पलाइन नंबर

    वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेन में सफर का अनुभव भी राणा ने शेयर किया। जब ट्रेन पर सवार हुए तो अंदर का माहौल सामान्य पैसेंजर ट्रेनों सा था। कुछ लोग बेफिक्र तेज आवाज में यू-ट्यूब और रील्स देख रहे थे। महिलाएं मोबाइल पर चिल्ला रही थीं।

    पैंट्री कार स्टाफ ने एसी कोच के दरवाजे खोल रखे थे जिससे अंदर का तापमान ठंडा होने के बजाय गर्म था। यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन में जो हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं, उस पर कई बार काल करने का प्रयास किया गया पर पूरे सफर के दौरान नंबर व्यस्त बताता रहा।