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    Eye Flu: क्या आई फ्लू का आंख की रोशनी पर पड़ता है असर? जानें डॉक्टर की राय

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 11:35 AM (IST)

    गढ़वा में आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) के मामले बढ़ रहे हैं पर यह आंखों के लिए घातक नहीं है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पूर्णेंदु विमल के अनुसार यह एलर्जी या संक्रमण से होता है। लक्षणों में आंखें लाल होना पानी आना व जलन शामिल हैं। संक्रमित व्यक्ति के सामान साझा न करें। यह छूने से फैलने वाली बीमारी है इसलिए सावधानी बरतें।

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    आई फ्लू के बारे में डॉक्टर ने दी सलाह। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, गढ़वा। हाल के दिनों में आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह बीमारी आंखों के लिए घातक नहीं है और आंख की रोशनी पर इसका कोई असर नहीं पड़ता।

    लेकिन संक्रमण और असुविधा से बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। उक्त बातें दैनिक जागरण से बात करते हुए आंख रोग विशेषज्ञ डॉ. पूर्णेंदु विमल ने कही।

    तेजी से फैलता है

    उन्होंने कहा कि कंजंक्टिवाइटिस के मुख्य दो कारण होते हैं एलर्जिकल और संक्रामक। एलर्जी के मामले में वातावरण में मौजूद प्रदूषण, धूल या परागकण कारण बनते हैं, जबकि संक्रामक आई फ्लू वायरस या बैक्टीरिया से फैलता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत तेजी से फैल सकता है।

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    ये हैं लक्षण

    उन्होंने बताया कि, संक्रमण के प्रमुख लक्षणों में आंखों का लाल होना, पानी आना, सूजन, चुभन, रोशनी से परेशानी, आंख में जलन और कभी-कभी हल्का दर्द शामिल हैं। संक्रमित व्यक्ति के तौलिया, रूमाल, तकिया, मेकअप सामग्री या अन्य निजी सामान का उपयोग करने से भी यह तेजी से फैल सकता है।

    5–6 दिनों में हो जाता है ठीक

    उन्होंने बताया कि सामान्यतया आई फ्लू 5–6 दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन इस दौरान रोगी को नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए और संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए।

    किसी अन्य व्यक्ति की सलाह पर अपने आप दवा लेना या गलत दवा का इस्तेमाल करना आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है।

    बचाव के उपाय:

    • संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या नजदीकी संपर्क से बचें।
    • तौलिया, रूमाल, तकिया आदि साझा न करें।
    • बार-बार हाथ धोएं और आंखों को न मलें।
    • धूप और धूल से बचने के लिए चश्मा पहनें।
    • संक्रमण के दौरान आंखों में कॉन्टैक्ट लेंस का प्रयोग न करें।

    आई फ्लू एक तरह से 'छूने से फैलने वाली बीमारी' है, इसलिए जागरूक रहना ही इसके प्रसार को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है।

    हालांकि, किसी भी स्थिति में यह आंख की रोशनी को नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन लापरवाही के कारण यह लंबे समय तक परेशान कर सकता है।

    अगर आंखों में असहनीय पीड़ा हो रही हो या देखने की क्षमता (रोशनी)प्रभावित हो रही हो तो अविलंब नजदीकी नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें जिससे समय रहते आंख के सम्भावित किसी गम्भीर समस्या का उचित निदान किया जा सके ।