झारखंड का KGF है यह क्षेत्र! बरसात में भी धड़ल्ले से होती है कोयला चोरी, फिर बाइक से बिहार तक जाता है माल
गिरिडीह के कबरीबाद माइंस में कोयला चोरों ने सुरंग बनाकर लाखों का कोयला चुरा लिया। संगठित गिरोह 80 के दशक से अवैध उत्खनन कर रहा है। चोर सुरंगों में घुसकर कोयला निकालते हैं और उसे बाइक स्कूटर से अलग-अलग जगहों पर भेजते हैं। सीसीएल प्रबंधन प्राथमिकी दर्ज करने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा है।

संवाद सहयोगी, बनियाडीह। CCL गिरिडीह एरिया में कोयला चोरी होना कोई नई बात नहीं है। यहां 80 के दशक से संगठित गिरोह अवैध कोयला का उत्खनन करते आ रहे हैं। संगठित गिरोह के संरक्षण में सीसीएल के सीपी साइडिंग से कोयला को उठाकर अलग-अलग जगहों पर बेचते आ रहे हैं। अब यह कोयला चोरी ही नहीं, यह कोयला चोरी लूट में तब्दील हो चुकी है। कोयला चोरों और उनके संरक्षक कोयला माफिया का मनोबल इतना बढ़ गया है कि कबरीबाद माइंस के समीप लंबी सुरंग खोद दी गई है।
सुरंग 20 - 50 मीटर का नहीं, बल्कि कई सौ मीटर की खोदी गई है। इसी में घुसकर हर रोज लाखों का कोयला निकाल कर इसे अलग-अलग स्थानों पर बाइक, स्कूटर व साइकिल से भेजा जा रहा है। संगठित गिरोह यह काला कारनामा कर रहा है और सीसीएल प्रबंधन सिर्फ प्राथमिकी दर्ज करने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा है।
इस तरह से सीसीएल प्रबंधन कोयला चोरी रोकने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। बीते दिन जागरण के सहयोगी कबरीबाद माइंस के समीप उस स्थान पर पहुंची, जहां से लाखों टन कोयला चोरों ने निकाल लिया है। साथ में सीसीएल सुरक्षा विभाग के पदाधिकारी और कर्मी भी यहां पहुंचे।
कई जगहों पर जर्जर सुरंग को देखा कि चोरों ने जो सुरंग खोली है, वह काफी चौड़ी तो है हीं काफी लंबी भी हैं। जानकारों के अनुसार चोरों ने लगभग ढाई किमी तक की खुदाई कर डाली है। इस बड़ी गैलरी के अलावा चोरों ने अलग-अलग स्थानों पर कई गैलरी बना डाली है। एक स्थान पर तो तीन तल्ले की गैलरी भी बनी है।
सुरंग में सैकड़ों की संख्या में घुसते हैं चोर
छानबीन और सीसीएल के सुरक्षा गार्डों से बात करने के बाद यह भी पता चला कि हर रोज रात 11-12 बजे के बाद सैकड़ों की संख्या में चोर घुसते हैं। चोरों में महिलाओं की संख्या भी काफी अधिक रहती हैं। सभी के कोयला उत्खनन करने का लोहे का औजार के साथ साथ लाठी-डंडा रहता है। ये चोर काफी संख्या में रहते हैं, जिनका विरोध करना जान को जोखिम में डालने के सामान है। यदि कोई गार्ड इन्हें विरोध करने का प्रयास करता है तो उसकी पिटाई भी कर दी जाती है। यह भी पता चला कि चोर देर रात से लेकर सुबह तक रहते हैं।
बिहार-धनबाद तक जाता है कोयला
सूत्रों से पता चला कि कोयला की अवैध कटाई मजदूर करते हैं फिर से इसे समीप के क्षेत्रों में डंप किया जाता है। इसके बाद वहां से कोयला को बाइक, स्कूटर पर लादकर धनबाद के कई जगहों के अलावा गिरिडीह जिले के अलग-अलग स्थानों पर ले जाया जाता है। दर्जन बाइक कोयला बिहार भी भेजा जाता है। यह पूरा काम संगठित माफियाओं के संरक्षण में होता है। इन माफियाओं में कुछ वैसे संरक्षक है, जो समाज में गिने-चुने माने जाते है। इसी के दम पर माफिया दंभ भरते रहे हैं।
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
कबरीबाद माइंस के पास जिस तरह अवैध खनन चल रहा है। यहां जिस तरह से असुरक्षित तरीके से कोयला को निकालने का काम चोर कर रहे हैं। जिस तरह से गैलरी लंबी और चौड़ी होती जा रही है। इस कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। हादसे में लोगों की जान भी जा सकती है। जानकार बताते है कि बरवाडीह से बनियाडीह तक जाने वाली सड़क भी इसी तरह के अवैध खनन के कारण आए दिन धंस रही है। कई बार धंस भी चुकी है। राहगीर दहशत में है। इन अवैध सुरंगों को बंद करने की जरूरत है ताकि बाद में सीसीएल को पछताना नहीं पड़े।
गिरिडीह एरिया क्षेत्र में कोयला के लूट पर अंकुश लगाने के लिए प्रबंधन लगातार अपने स्तर से काम करता रहा है। सुरक्षा को अधिक दुरुस्त किया गया है। हमारी पूरी कोशिश है कि हम अपने स्तर से SDM और SDOP के साथ मीटिंग कर चुके हैं। मदद की मांग भी रखी है। प्रशासन ने भी कोयला चोरी और अवैध खनन पर रोकने में पूरी मदद का भरोसा दिया है। सीसीएल को न सिर्फ कबरीबाद माइंस के समीप हो रही कोयला चोरी को रोकना है, बल्कि आने वाले दिनों में गिरिडीह ओपेनकास्ट माइंस से कोयला उत्पादन शुरु करना है। हम सामूहिक प्रयास के बल पर कोयला लूट को रोकने में कामयाब होंगे। -गिरीश कुमार राठौर, जीएम, सीसीएल, गिरिडीह एरिया ।
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