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    पानी में मिला जहर या मौत का सौदा? एक नांद के पानी ने ली 10 बेजुबानों की जान

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 05:41 PM (IST)

    गिरिडीहे में सात बकरियों और तीन बैलों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। जानवरों ने एक नांद में पानी पीने के बाद दम तोड़ दिया जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। नांद के मालिक के परिवार पर जानवरों को पानी पिलाने से रोकने के लिए गाली-गलौज करने का आरोप लगाया गया। ग्रामीणों को संदेह है कि किसी ने जानबूझकर पानी में कुछ मिला दिया था।

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    दूषित पानी पीने से सात बकरी व तीन बैल की मौत।

    जागरण संवाददाता, गिरिडीह (धनवार)। धनवार का घुज्जी गांव। सोमवार को यहां हड़कंप मचा था। गांववालों के चेहरे सफेद पड़े थे, मानो उन्होंने भूत देख लिया हो। हर कोई आपस में कानाफूसी कर रहा था, अरे भाई ये हुआ कैसे। दूसरा जवाब देता, क्या मालूम, हमें तो कुछ भी पता नहीं। फिर शुरू हुई खोजबीन। अब आप भी जान लीजिए कि यह खोजबीन किस संदर्भ में हो रही थी।

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    यहां की सात बकरियां और तीन बैलों ने छटपटाकर एक साथ दम तोड़ दिया। सो जितने मुंह उतनी बातें हो रहीं थीं। एक बुजुर्ग तो ऊपरी हवा का भी चक्कर बताने से पीछे नहीं हटे। गांव के कई समझदार युवकों ने फिर बीड़ा उठाया। हम जानकर रहेंगे, आखिर जान गई तो कैसे। जिन परिवारों के घर के जानवर थे, उन पर क्या गुजर रही होगी। सो पता लगाया जाना लगा, मरने से पहले जानवर कहां थे। क्या कर रहे थे।

    उस पानी में बैठा था काल

    उनको किसी ने देखा था क्या। अंतत: राज खुल ही गया। एक ने सरगोशी की, ज्यादा तो नहीं जानते, पर बकरी और बैल पानी पीने के बाद तड़पने लगे थे। उसके बाद उनकी मौत होने लगी। अब नया टास्क ये था कि पानी कहां पी लिया था। सो इसका भी पता चल ही गया। सड़क के किनारे खलील मियां ने एक नांद रखी है। उसका पानी की इन जानवरों ने पी लिया था। उनको प्यास जो बुझानी थी।

    अब भला उन बेजुबानों को क्या मालूम की वहां उनकी मौत का ही इंतजाम हो गया है। ग्रामीण कहते हैं कि सुभान मियां की दो, मुबारक की दो, असगर की एक और इब्राहिम की दो बकरियां मर गईं। इनकी कीमत पांच हजार रुपये से अधिक है। वहीं निजामुद्दीन अंसारी, फकीर मियां और इस्लाम मियां के एक-एक बैल की जान गई है। इनकी कीमत 15-20 हजार रुपये बताई गई।

    स्वजन करते थे गालीगलौज

    ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में जब जानवर खलील मियां की नाद में पानी पीने जाते थे तो उसके स्वजन गालीगलौज करते थे। हो न हो, नाद के पानी में ही कुछ था। अन्यथा एक साथ इतने जानवर क्यों मरते। नांद में काल किसने बैठाया, यह जांच का विषय है।

    फिलहाल पंचायत समिति सदस्य जैनब खातून ने प्रशासन से जांच कराने और पीड़ित पशु पालकों को न्याय दिलाने की मांग की है। पुलिस ने बताया कि जांच जारी है। पानी की जांच भी कराई जा रही है।