बिहार की चुनावी जंग के साइड इफेक्ट, झारखंड के दिग्गज टकराए
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड के नेता सोशल मीडिया पर भिड़ गए हैं। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे और मंत्री संजय यादव के बीच तीखी बहस हुई। दुबे ने यादव को 'झारखंड का गुंडा' कहा, जिसके जवाब में यादव ने गंभीर परिणाम की धमकी दी। यादव ने पहले दीपिका पांडेय सिंह पर कांग्रेस का समर्थन करने का आरोप लगाया था। बिहार चुनाव में झारखंड के नेताओं की भूमिका और कहलगांव में राजद की हार से राजनीतिक माहौल गरमा गया है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025
विधु विनोद, गोड्डा। बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भी झारखंड के सियासी दिग्गज इंटरनेट मीडिया पर एक-दूसरे पर तीखा वार कर रहे। बिहार विस चुनाव में अपनी राजनीतिक ताकत झोंकने वाले गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे के अलावा झारखंड के दो मंत्री संजय यादव और दीपिका पांडेय सिंह के रिश्तों में अब खटास आ गई है।
खटास ऐसी की शब्दों की मर्यादा सीमा लांघ रही। डॉ. निशिकांत ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में संजय यादव को झारखंड का गुंडा से अलंकृत किया तो संजय यादव ने कपड़े उतरवा कर गोड्डा से खदड़ने और कुंडली खोलने की धमकी दे डाली।
इससे पूर्व श्रम मंत्री संजय यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के खिलाफ भी मोर्चा खोला था। कहा था, विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने दीपिका पांडेय सिंह के लिए क्या किया, यह बताने की जरूरत नहीं है।
कहलगांव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उनके पुत्र रजनीश भारती को टिकट देकर चुनाव में उतारा। नामांकन के पूर्व तेजस्वी यादव ने कहलगांव आकर माहौल बनाया। इसके बाद इसे अपनी पारंपरिक सीट बताते हुए कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतार दिया।
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह खुलेआम कांग्रेस के समर्थन में उतर गईं। जबकि उन्हें यहां गठबंधन से राजद की उम्मीदवारी को मजबूत करनी चाहिए थी। हालांकि इसपर मंत्री दीपिका पांडेय सिंह की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
बता दें कि गोड्डा जिले के सटे बिहार के कटोरिया, बांका, धोरैया, कहलगांव और पीरपैंती विधानसभा सीट पर इस बार चुनाव प्रचार के दौरान झारखंड के इन दिग्गजों ने खूब ताकत झोंकी। झारखंड के दो मंत्री सहित गोड्डा सांसद और गोड्डा के पूर्व विधायक अमित मंडल भी बिहार चुनाव में रेस रहे।
श्रम मंत्री पूरे चुनाव में अपने पुत्र रजनीश के लिए कहलगांव में ही कैंप करते रहे। चुनाव परिणाम में राजद को यहां जदयू के शुभानंद मुकेश के हाथों करारी शिकस्त खानी पड़ी। निश्चित रूप से श्रम मंत्री की प्रतिष्ठा वहां दांव लगी थी, लेकिन कहलगांव सीट पर संजय यादव कमाल नहीं दिखा पाए।
बांका और भागलपुर जिले की अधिकांश सीटें एनडीए के पक्ष में गई। इधर झारखंड कैबिनेट में श्रम मंत्री संजय यादव को लेकर सत्ताधारी झामुमो ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आने वाले दिनों में इसका पटाक्षेप क्या होगा, यह समय ही बताएगा।
दीपिका भी कोई खास कमाल नहीं कर पाईं। अंग प्रदेश के दो जिलों भागलपुर और बांका जिले की 12 सीटों पर महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। वहीं, सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने चुनाव के दौरान कहलगांव, पीरपैंती से लेकर भागलपुर, बिहपुर, नाथनगर आदि विस सीटों पर धुआंधार प्रचार किया। सभी जगह एनडीए प्रत्याशियों को जीत मिली।

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