Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झारखंड में 30 हजार छात्रों का भविष्य दांव पर, मैट्रिक परीक्षा से पहले ‘आपार ID’ बनी बड़ी मुसीबत

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 05:38 PM (IST)

    झारखंड में करीब 30 हजार छात्रों की मैट्रिक परीक्षा पर संकट गहराता जा रहा है। राज्य सरकार ने सभी छात्रों के लिए आधार आधारित यूनिक आपार आइडी अनिवार्य कर दिया है। बिना आपार आइडी के किसी भी छात्र का पंजीकरण संभव नहीं है। लेकिन समस्या यह है कि यू-डाएस में स्वतंत्र रूप से फार्म भरने वाले छात्रों के लिए कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।

    Hero Image
    30 हजार छात्रों की मैट्रिक परीक्षा पर संकट बना है।

    विकास कुमार, हजारीबाग : झारखंड में करीब 30 हजार छात्रों की मैट्रिक परीक्षा पर संकट गहराता जा रहा है। राज्य सरकार ने सभी छात्रों के लिए आधार आधारित यूनिक आपार आइडी अनिवार्य कर दिया है। बिना आपार आइडी के किसी भी छात्र का पंजीकरण संभव नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लेकिन समस्या यह है कि यू-डाएस में स्वतंत्र रूप से फार्म भरने वाले छात्रों के लिए कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। इसी कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थी पंजीकरण से वंचित हो रहे हैं।

    छात्रों को आपार आइडी बनाने के लिए यू डायस में सभी जानकारियां डालनी होती है। अब मुख्यालय समेत बरही, विष्णुगढ़ और अन्य प्रखंडों के कई विद्यालयों में प्राचार्य इस दुविधा में हैं कि स्वतंत्र रूप से फार्म भरने वाले छात्रों का पंजीकरण किस श्रेणी में करें।

    यदि इन्हें रेगुलर छात्र मान लिया गया तो अचानक संख्या बढ़ने पर नियमों का उल्लंघन होगा और प्राचार्यों पर कार्रवाई हो सकती है। इसी वजह से कई विद्यालय पंजीकरण से इनकार कर रहे हैं।

    निजी विद्यालयों के छात्रों पर संकट

    सबसे ज्यादा परेशानी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को हो रही है। हजारीबाग के वनांचल शिशु मंदिर के प्राचार्य अजीत कुमार सिंह ने बताया कि हमारे बच्चे आरक्षी विद्यालय से फॉर्म भरते हैं।

    बार-बार आग्रह करने के बावजूद उनका फॉर्म नहीं भरा जा रहा है। आठवीं तक कोई समस्या नहीं है, लेकिन नौवीं और दसवीं के छात्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

    उनके भविष्य पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। हजारीबाग में ही प्रत्येक साल करीब दो हजार स्वतंत्र छात्र मैट्रिक की परीक्षा देते हैं।

    कई प्राचार्यों का कहना है कि यदि सरकार आपार आइडी बनाने की तिथि में कम-से-कम एक साल की बढ़ोतरी नहीं करती है तो करीब 30 हजार छात्र मैट्रिक परीक्षा से वंचित हो सकते हैं। यह स्थिति बच्चों के भविष्य के साथ-साथ उनके अभिभावकों की भी बड़ी चिंता बन गई है।

    क्या है यू-डाएस

    यू-डाएस पूरे देश में शिक्षा से जुड़ा एक आनलाइन डेटाबेस है। इसके तहत हर स्कूल को अपनी सभी शैक्षणिक गतिविधियां, छात्र संख्या, शिक्षकों की जानकारी और अन्य जरूरी सूचनाएं दर्ज करनी होती हैं। इसी डाटा के आधार पर सरकार विभिन्न शैक्षणिक योजनाएं लागू करती है।

    क्या है आपार आइडी

    आपार आइडी छात्रों की आधार आधारित स्थायी शैक्षणिक पहचान संख्या है। यह हर छात्र को अलग-अलग मिलती है और उसके पूरे शैक्षणिक जीवन में एक ही रहती है।

    जैसे आधार कार्ड से व्यक्ति की पहचान होती है, वैसे ही आपार आइडी से छात्र की शैक्षणिक पहचान तय होती है। इसके जरिए छात्र की पूरी पढ़ाई का रिकार्ड सुरक्षित रहता है।