Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ‘मेरे बच्चे वापस दे दो और उनको छोड़ दो…’, नागाडीह हत्याकांड मामले में आरोपियों को उम्रकैद पर छलका मां का दर्द

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 04:42 PM (IST)

    जमशेदपुर के बागबेड़ा नागाडीह हत्याकांड में अदालत ने पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 25 सितंबर 2025 को इन्हें दोषी करार दिया गया था जबकि 20 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। यह मामला 18 मई 2017 को बच्चा चोर बताकर तीन युवकों की हत्या से जुड़ा है जिसमें एक महिला की भी जान गई थी।

    Hero Image
    नागाडीह हत्याकांड में पांच दोषियों को उम्रकैद

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। बागबेड़ा के बहुचर्चित नागाडीह हत्याकांड मामले में अदालत ने आज बड़ा फैसला सुनाया है। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विमलेश कुमार सहाय की अदालत ने इस मामले पांच अभियुक्तों को सजा के बिंदु पर फैसला सुनाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही उनके ऊपर जुर्माना भी लगाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इससे पहले 25 सितंबर 2025 को अदालत ने इस मामले में पांच अभियुक्तों को दोषी करार दिया था। वहीं सबूतों के अभाव में 20 आरोपितों को बरी कर दिया था। बता दें कि इस मामले में 25 आरोपितों के विरुद्ध ट्रायल चल रहा था। इनमें चार को छोड़कर सभी आरोपित अदालत में उपस्थित हुए थे।

    अदालत ने इस मामले में अभियुक्तों को सजा सुनाई है उसमें गांव के मुखिया राजाराम हांसदा, रेंगो पूर्ति, गोपाल हांसदा, सुनील सरदार और तारा मंडल शामिल हैं। हत्याकांड के आठ साल बीत चुके है।

    20 आरोपियों को किया बरी

    वहीं बरी होने वाले आरोपितों में जिपा हांसदा, गणेश मंडल, जवाहर लाल सरदार, गुलाम सरदार, लखन, बबलू पात्रो, अशोक पात्रो, परशुराम भूमिज, पेंटर, लेदरा मुर्मू, सुनील सरदार, सुरेंद्र, राजेश टुडू, शिबू करुवा, गोपाल टुडू, जगदीश सरदार, उमेश दास, डब्लू सवैया, लखन हांसदा, बाबू शामिल है।

    इसके अलावा एक आरोपित राहुल सरदार की मौत हो चुकी है। मामले में दो आरोपित जगत मार्डी और सुभाष आठ साल बाद भी फरार है। दोनों यूसिल में कार्यरत है।

    बच्चा चोर बोलकर हमला

    बता दें कि बागबेड़ा थाना क्षेत्र नागाडीह जहां 18 मई 2017 की शाम हरवे-हथियार से लैस ग्रामीणों की भीड़ ने बच्चा चोर बोलकर जुगसलाई नया बाजार के विकास वर्मा, उसके भाई गौतम वर्मा और बागबेड़ा गाढ़ाबासा निवासी गंगेश की पुलिस की उपस्थिति में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

    वहीं भीड़ से बच्चों को छोड़ने की गुहार 76 वर्षीय रामसखी देवी लगाती रही। किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। उस पर भी जानलेवा हमला कर जख्मी कर दिया था जिसकी 20 जून 2017 को टीएमएच में मौत हो गई थी। रामसखी देवी 18 मई को भीड़ द्वारा मारे गए तीन बच्चों की दादी थी।

    8 साल पहले हुई थी घटना

    घटना के आठ साल 18 मई 2025 को पूरे हो गए। देशभर में चर्चित इस मामले की सुनवाई जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में चल रही थी। हत्या के छह साल बाद एफएसएल रिपोर्ट न्यायालय में पुलिस की ओर 2023 में प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट चंडीगढ़ से आई थी।

    मामले में एक आरोपित राजाराम हांसदा को छोड़कर बाकी सभी आरोपित जमानत पर रिहा हो चुके थे। वहीं दो पोतों और पत्नी रामसखी देवी को न्याय दिलाने की आस लिए गुरु प्रसाद दुनिया से विदा हो गए।

    तीन मई 2024 को उनका निधन हो गया। मृतकों के स्वजन की ओर से मामले को शिकायत पक्ष की ओर से पूर्व लोक अभियोजक सुशील कुमार जायसवाल, जगत विजय सिंह, सुधीर कुमार पप्पू समेत अन्य पैरवी कर रहे थे।

    घटना की याद आते ही सिहर उठते हैं स्वजन

    मृतकों के स्वजन घटना की चर्चा भर करने से सिहर उठते है विशेष कर घटना के प्रत्यक्षदर्शी उत्तम वर्मा जिनकी जान ईश्वर की कृपा से बच गई थी। अंदाजा लगा जा सकता है कि वर्मा परिवार पर क्या गुजर रही है।

    मणिचंद्र वर्मा जिनके दो जवान बेटे, बेटे के दोस्त गंगेश और मां महज अफवाह फैलाकर मार दिए गए। स्वजन सदमे से उभर नही पाए हैं। उत्तम वर्मा कहते है कि साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया वो भी पुलिस के सामने। पुलिस पर भी हमला किया गया। कभी सपने में भी सोचा नही था कि ऐसा भी होगा। भगवान किसी को भी ऐसी मौत नहीं दे।

    वहीं अदालत में मात्र 5 आरोपियों को सजा मिलने से नाराज मां ने रोते हुए कहा कि मुझे मेरे बच्चे लौटा और उन सबको छोड़ दो। मेरे बच्चे को 300 लोगों ने तलवार से पत्थर से मारा है।

    15 नामजद समेत 300 अज्ञात भीड़ पर हत्या की प्राथमिकी

    युवकों की हत्या मामले में जुगसलाई निवासी उत्तम वर्मा की शिकायत पर बागबेड़ा थाने में नागाडीह निवासी जगत मार्डी, गांव के मुखिया राजाराम हांसदा, विभीषण सरदार, बाबू सरदार, गणेश मंडल, सुनील सरदार, सुभाष हांसदा, डॉक्टर मार्डी, गोपाल हांसदा, गुलाम सरदार, लेदरा मुर्मू, राजेश टुडू, शिबू, राहुल समेत 300 ग्रामीणों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी।