Jharkhand News: नौकरी देने के नाम करते थे ठगी, 25 हजार रुपये भी लिए और 179 युवक-युवतियों को बनाया बंधक, जानें पूरा खेल
जमशेदपुर में पुलिस ने एक फर्जी नेटवर्किंग कंपनी का पर्दाफाश किया है जो 179 युवक-युवतियों को नौकरी का झांसा देकर ठग रही थी। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कंपनी युवाओं से 25 हजार रुपये लेती थी और उन्हें अन्य लोगों को जोड़ने के लिए दबाव डालती थी। ऐसा न करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जिले की घाटशिला थाना और मउभंडार की पुलिस ने फर्जी नेटवर्किंग कंपनी बनाकर 179 युवक-युवतियों को नौकरी देने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
आरोपितों में गोविंदपुर भोला बागान निवासी रोमेन्ट कुमार, डोमचाच का मोहन कुमार राणा, बिहार के वैशाली जिले के शिवम कुमार सिंह और कुलदीप सिंह है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि गिरोह का सरगना बिहार के गया जिले के फतेहपुर निवासी राजू यादव, बिहार का समस्तीपुर जिले के तारामौन निवासी सुनील यादव, राहुल रंजन, अनिल, रवि चौहान और अन्य है। फर्जीवाड़ा क्षेत्र में 2023 से चल रहा था। करीब 45 लाख रुपये गिरोह ने बेरोजगारों से वसूला।
इधर, ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने बताया कि घाटशिला थाना क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं से नौकरी के नाम पर 25 हजार रुपये लालडीह दहीगोड़ा स्थित एमएस रिया इंटरप्राइजेज द्वारा लिया जाता था और उन्हें अन्य दो लोगों को नेटवर्क कंपनी में जोड़ने के लिए दबाव बनाया जाता था।
ऐसा नहीं करने पर युवकों के साथ मारपीट की जाती थी। प्रताड़ित किया जाता था। घर नहीं जाने दिया जाता था।पुलिस तक शिकायत पहुंचने के बाद घाटशिला और मउभंडार ओपी पुलिस की एक संयुक्त टीम गठित की गई। टीम ने ठगी करने वाली कंपनी के कार्यालय में छापेमारी की। पता चला कि कंपनी फर्जी है।
वहां फर्जी कंपनी कार्यालय में कार्यरत चार युवकों को गिरफ्तार किया गया। वहीं आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि 179 युवक-युवतियों को बंधक बनाकर रखे गया था। जो महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, वेस्ट बंगाल, ओडिशा के निवासी है। सभी को उनके घर पर भेजने की प्रक्रिया को शुरू की गई।
वहीं घटना के बाद एमएस रिया इंटरप्राइजेज को सीज कर दिया गया है एवं अन्य दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है। फिलहाल चारों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है और अन्य की छापेमारी जारी है।
25 हजार लेने के बाद दो और सहयोगियों को कंपनी से जुड़वाने का देते थे दबाव
बेरोजगार युवक-युवतियों ने बताया कि नेटवर्किंग कंपनी में अच्छे वेतन पर नौकरी देने को बुलाया गया था। इसके बाद 25 हजार रुपये उन सभी से लिया गया। इसमें 10 हजार खाना खिलाने के नाम पर रख लेते थे।
बाकी 15 हजार रुपये का दवा या किसी अन्य प्रोडक्ट को बेचने का दबाव दिया जाता था।
साथ ही हर एक को यह दबाव दिया जाता था। अपने दो--दो सहयोगी को इससे जोड़े और 25-25 हजार रुपये दिलाओ। ऐसा नहीं करने पर प्रताड़ित किया जाता था।
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