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    Indian railway की सुरक्षा में सेंध, पटरी की फिश प्लेट चोरी करते चार दबोचे गए, RPF की तत्‍परता से टला बड़ा हादसा

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 11:22 PM (IST)

    भारतीय रेलवे की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए, चार लोगों को रेलवे ट्रैक से फिश प्लेट चोरी करते हुए पकड़ा गया। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की तत्परता से एक बड़ा हादसा टल गया। RPF ने आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन लोगों का मकसद क्या था।

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    फाइल फोटो।

    जासं, जमशेदपुर। टाटानगर रेलवे यार्ड में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मंगलवार को दो अलग-अलग अभियानों में बड़ी सफलता हासिल करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक गिरोह रेलवे की पटरियों से फिश प्लेट जैसे महत्वपूर्ण उपकरण चोरी कर रहा था, जिससे कोई बड़ा ट्रेन हादसा हो सकता था।

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    दूसरे मामले में एक युवक को यार्ड में उपद्रव मचाने और रेलवे सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में पकड़ा गया। आरपीएफ पोस्ट टाटानगर की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग जुगसलाई पार्क के पास वेस्ट यार्ड में रेलवे संपत्ति की चोरी कर रहे हैं।

    टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घेराबंदी की और चार युवकों को रंगे हाथ दबोच लिया। तलाशी लेने पर उनके पास से रेलवे ट्रैक को जोड़ने वाली पांच फिश प्लेट और एक अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) बरामद किया गया।

    फिश प्लेट पटरियों का सबसे अहम हिस्सा होती है और इसके हटने से ट्रेन के पटरी से उतरने का गंभीर खतरा पैदा हो जाता है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान जुगसलाई के गरीब नवाज कालोनी निवासी मो. सरफराज उर्फ चंदिल, मो. सरफराज उर्फ बाबू, मो. हसनैन उर्फ कांडी और बिष्टुपुर के बासुकी बस्ती निवासी शिवा सिंह के रूप में हुई है।

    आरपीएफ ने रेलवे संपत्ति (अवैध कब्जा) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर चारों को चक्रधरपुर स्थित रेलवे मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया, जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में घाघीडीह सेंट्रल जेल भेज दिया गया।

    एक अन्य घटना में, आरपीएफ ने टाटानगर-सालगझुड़ी सेक्शन के बीच स्थित जीडीवाई टाटा यार्ड से एक युवक को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान संकोसाई, रामनगर निवासी बिपुल कुमार सिंह के रूप में हुई है।

    वह रेलवे यार्ड में अनाधिकृत रूप से घुसकर उपद्रव कर रहा था, जिससे रेलवे के परिचालन में बाधा उत्पन्न हो रही थी और यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरा था। आरपीएफ ने उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।