Railway News: झारखंड के दो रेलवे स्टेशनों का होगा कायापलट, तीसरी-चौथी लाइन का भी होगा विस्तार
जमशेदपुर में रेलवे 742 करोड़ रुपये की लागत से दो मॉडल स्टेशन (Model Railway Station) बनाएगा। तीसरी और चौथी रेलवे लाइन का विस्तार भी किया जाएगा। नए स्टेशनों में आधुनिक सुविधाएं होंगी और लाइन विस्तार से ट्रेनों की आवाजाही सुगम होगी। इस विकास कार्य से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

सिनी रेलवे स्टेशन। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। दक्षिण पूर्व रेलवे ने चक्रधरपुर मंडल के तहत सिनी और कांड्रा स्टेशनों को आधुनिक बनाने और दोनों स्टेशनों के बीच तीसरी व चौथी रेल लाइन बिछाकर क्षमता विस्तार करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है।
इस बड़ी परियोजना को साकार करने के लिए रेलवे ने 742.74 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत का ई-टेंडर जारी कर दिया है। इस परियोजना के पूरा होने से न केवल सिनी और कांड्रा स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होंगे, बल्कि इस महत्वपूर्ण मार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ने के साथ-साथ परिचालन भी पहले से कहीं अधिक सुगम हो जाएगा।
रेलवे द्वारा जारी टेंडर के अनुसार, इस परियोजना में सिनी और कांड्रा स्टेशनों पर यार्ड की व्यापक रीमॉडलिंग शामिल है। इसके तहत पुराने ढांचे को हटाकर नई जरूरतों के हिसाब से विकसित किया जाएगा।
साथ ही, दोनों स्टेशनों के बीच प्रस्तावित तीसरी और चौथी रेल लाइन से जुड़े सभी निर्माण कार्य भी इसी टेंडर का हिस्सा हैं। रेलवे ने इस काम को पूरा करने के लिए 24 महीने की समय सीमा तय की है।
टेंडर के लिए 27 नवंबर है अंतिम तिथि
इच्छुक कंपनियां इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 3.86 करोड़ रुपये की बयाना राशि के साथ 13 नवंबर से अपनी बोली आनलाइन जमा कर सकेंगी। टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि 27 नवंबर दोपहर 12 बजे तक निर्धारित की गई है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का दायरा काफी व्यापक है। इसके तहत न केवल नए स्टेशन भवनों, प्लेटफॉर्म, फुट ओवर ब्रिज, नालियों और संपर्क सड़कों जैसे प्रमुख निर्माण कार्य किए जाएंगे, बल्कि रेल लाइन बिछाने के लिए बड़े पैमाने पर मिट्टी की भराई और खुदाई का काम भी होगा।
इसके अतिरिक्त, परियोजना में स्टील के नए ढांचे खड़े करने, बोरिंग और ड्रिलिंग के काम के साथ-साथ पुरानी हो चुकी संरचनाओं को सुरक्षित रूप से हटाने की प्रक्रिया भी शामिल है। काम को समग्र रूप देने के लिए केबल रूट सर्वे, बैलास्ट की आपूर्ति और बागवानी जैसे कार्य भी इसका हिस्सा होंगे।
यात्रियों को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
यार्ड रीमाडलिंग और स्टेशन के विकास से यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। नए प्लेटफार्म ऊंचे और आरामदायक बनाए जाएंगे, जिससे ट्रेनों में चढ़ना-उतरना आसान होगा। एक प्लेटफॉर्म से दूसरे पर जाने के लिए सुरक्षित फुट ओवर ब्रिज बनेंगे।
इसके अलावा, आधुनिक प्रतीक्षालय, नए टिकट काउंटर, डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, स्वच्छ पेयजल और बेहतर प्रकाश व्यवस्था जैसी सुविधाओं से स्टेशनों का कायाकल्प होगा। तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण इस परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।
अभी दो लाइनों पर ही यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों का दबाव रहता है, जिससे अक्सर ट्रेनों को आउटर पर रोकना पड़ता है। नई लाइनें बिछने से मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों के लिए समर्पित ट्रैक उपलब्ध होंगे। इससे न केवल ट्रेनों की औसत गति बढ़ेगी, बल्कि वे समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगी।
इससे क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों के लिए कच्चे माल और तैयार उत्पादों की ढुलाई भी तेज होगी, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना चक्रधरपुर मंडल के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी, जो इस क्षेत्र के रेलवे नेटवर्क को पूरी तरह से बदल देगी।

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