CM सोरेन की सभा से 1 KM दूर बलमुचू ने की संगठन चर्चा, कांग्रेस विधायकों के टूटने की आशंका जताई
झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सभा के नजदीक ही कांग्रेस नेता बलमुचू ने संगठनिक चर्चा की। उन्होंने कांग्रेस विधायकों पर तोड़फोड़ की आशंका व्यक्त की है, जिससे राज्य की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। इस घटना ने सियासी गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।

बलमुचू ने की संगठन चर्चा
जागरण संवाददाता, घाटशिला। झारखंड की राजनीति का केंद्र घाटशिला विधानसभा उपचुनाव है। ऐसे में तमाम नेताओं का रुख घाटशिला की तरफ है। सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को धालभूमगढ़ के नरसिंहगढ़ में एक चुनावी जनसभा की । वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह घाटशिला के पूर्व विधायक डॉ.प्रदीप कुमार बलमुचू भी शुक्रवार दोपहर धालभूमगढ़ में ही थे।
सीएम के कार्यक्रम से कुछ किलोमीटर दूर वे कांग्रेस संगठन को लेकर चर्चा में मशगूल रहे। धालभूमगढ़ में रहने के बावजूद सीएम के कार्यक्रम मंच पर वे नजर नहीं आए। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई। हालिया राजनीतिक समीकरणों के बीच कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने के उनके आशंकाओं पर प्रदीप बलमुचू ने कहा उन्हें इसकी आशंका लग रही। प्रभारी से लेकर वरीय नेताओं को इससे अवगत करा दिया।
हेमंत सोरेन को जेल भेजा
एक सवाल के जवाब पर बलमुचू ने कहा बीजेपी ने ही पिछली बार सीएम रहते हुए हेमंत सोरेन को जेल भेजकर झारखंड में हमारी गठबंधन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की थी, लेकिन बीते हुए इतिहास को भी भूलना नहीं चाहिए की 2010 से 2013 तक भाजपा व झामुमो की गठबंधन सरकार भी प्रदेश में थी।
उस समय चर्चा हुई थी कि ढाई साल अर्जुन मुंडा तो ढाई साल तब उपमुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन सीएम होंगे। लेकिन अर्जुन मुंडा ने ढाई साल का कार्यकाल पूरा किया और हेमंत को सीएम नहीं बनाया। फिर सरकार गिर गई और राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। ऐसे में राजनीति में तमाम चीजों को याद भी रखना चाहिए।
अपने ही पार्टी के कुछ नेताओं को ज्ञान न देने की दी नसीहत
बालमुचू ने अपने ही पार्टी के वैसे कुछ नेताओं को भी इशारों ही इशारों में नसीहत दे डाली। उन्हें इतना तक कह डाला की दूसरे दल से आकर हमारे पार्टी में उन्हें सम्मान मिला है अब वे हमारे वरिष्ठ नेताओं को ज्ञान न दे। जब हमारे नेता कांग्रेस को मजबूत करने की बात करते तो कुछ झामुमो को मजबूत करने की बात करते है।
गठबंधन अपनी जगह पर है लेकिन हमें अपनी पार्टी को तो ग्राउंड पर मजबूत रखना होगा। संगठन हमारा मजबूत होगा तब ही तो हमारी पहचान रहेगी। इसलिए मैं समझता हूं ज्ञान देने वाले वैसे लोग पहले देखे कितना पार्टी छोड़े फिर राजनीतिक ज्ञान की बाते करें।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर के पत्र का किया समर्थन
प्रदीप बलमुचू ने कहा की अनुसूचित जाति परामर्शदात्री परिषद और अनुसूचित आयोग के पुनर्गठन की मांग अगर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर सरकार को पत्र लिखकर कर रहे है तो पार्टी के लोग को क्यों दर्द हो रहा है?। अगर ये हो जाएगा तो इसका क्रेडिट हमें ही ना मिलेगा।
झारखंड के जनता की ये एक प्रमुख मुद्दा नहीं है क्या। कुछ दूसरे कई दल से आए नेता अब ज्ञान बांट रहे है सिर्फ अपनी चाटुकारिता के लिए। हमारे पास अपना ज्ञान है जितना आपके पास है उसे रखिए।
घाटशिला उपचुनाव लड़ने में मेरा कोई स्वार्थ नहीं है। कार्यकर्ताओं की भावना को लीडर होने के नाते आलाकमान के समक्ष मजबूती से रखा था। पार्टी ने निर्देश दिया उसका अनुपालन किया।

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