Jharkhand Weather: समय से पहले मानसून की दस्तक ने बढ़ाई किसानों की चिंता, इन फसलों पर संकट
प्रदेश में मानसून के जल्दी आने से किसान चिंतित हैं क्योंकि इससे सब्जियों की फसलें खराब हो सकती हैं और बाजार में कीमतें बढ़ सकती हैं। धान की खेती भी प्रभावित होने की आशंका है। जिला प्रशासन ने खाद और बीज की व्यवस्था शुरू कर दी है लेकिन किसानों को बारिश से नुकसान की चिंता सता रही है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। नौतपा से पहले मानसून पहुंच गया है। जमशेदपुर समेत जिलेभर में दो दिनों से रुक-रुककर बारिश हो रही है। इससे किसानों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। किसान इस बात को लेकर खासा चिंतित हैं कि खेतों में लगी सब्जी की फसलें खराब हो जाएंगी। लिहाजा बाजार में सब्जी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। धान की खेती भी प्रभावित होगी।
हालांकि, बारिश होने से तापमान में गिरवट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून तय तारीख 1 जून से 8 दिन पहले केरल पहुंचा है। 16 वर्षों के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। इससे पहले 2009 में मानसून 23 मई को आया था।
अगले 2-3 दिन में देश का 40 फीसदी हिस्सा कवर करेगा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक पूरे आसार हैं कि दो-तीन दिन में मानसून देश का 40 फिसदी हिस्सा घेर लेगा। इधर, खेती-किसानी को लेकर किसानों के लिए जिला प्रशासन की ओर से पर्याप्त तैयारी शुरू कर दी गई है। जिले के लैंपस में खाद और बीज की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। ताकि खाद और बिचड़े की कालाबाजारी नहीं हो सके।
इस बार समय से पहले मानसून शुरू हो रहा है। किसानों को कोई परेशानी न हो इसके लिए विभाग की ओर से खाद और बीज की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। आवंटन के लिए मुख्यालय को पत्राचार किया गया है। लैंप्स को भी खाद बीज की तैयारी के लिए निर्देश जारी किया गया है।
दीपक कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, जमशेदपुर।
सोलह वर्षों के बाद मानसून में बदलाव आया है। अभी खेत में लगी भिंडी, खीरा, तोरई को बारिश होने से नुकसान हुआ है। बाजार में सब्जी की कीमत काफी बढ़ जाएगी। अभी सस्ती दर पर सब्जी मिल रही है। पानी जमा होने से फसल पर असर पड़ेगा।
धान की फसल के लिए खेतों की जुताई अभी जरूरी है, लेकिन बारिश होने से मिट्टी तह तक बैठ जाएगी। किसान इस बात को लेकर भी परेशान हैं कि अभी बारिश हो गई है, लेकिन बाद में जरूरत पड़ने पर बारिश नहीं हुई तो इससे पैदावार पर असर पड़ेगा।
अभी जो बारिश हो रही है, वह खेतों में खरपतवार के लिए बढ़िया है। इस पानी से किसानों को फायदा नहीं होगा, क्योंकि समय से पहले धान की खेती शुरू नहीं हो सकती। किसान सब्जी की फसल भी नहीं उगा पाएंगे। अभी खेतों में जो सब्जी लगी है, उसको भी इससे नुकसान होगा। सब्जी की कीमत भी बढ़ जाएगी। ग्राहकों को सब्जी के लिए ज्यादा दाम चुकाने होंगे
हम लोग हाइब्रिड वेराइटी के धान की खेती करते हैं। 90 से 135 दिनों के भीतर उपजने वाले धान का बिचड़ा खेतों में बोते हैं। अभी बारिश होने के बाद भी हम लोग खेतों में बिचड़ा नहीं डाल सकते हैं। अभी बिचड़ा डालने पर अगर बारिश हुई तो यह खराब हो जाएगा। मानसून पूर्व बारिश होने से खेती पर असर पड़ेगा। यह तय है कि अभी बारिश हुई तो बाद में निश्चित रूप से कम होगी। खेतों में ड्राफ्टिंग वाला बैगन लगा हुआ है। बारिश होने के कारण इस पर असर पड़ेगा।
पंकज सिंह, किसान
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