क्या बिहार चुनाव के बाद झारखंड में टूटेगा महागठबंधन? प्रदीप बलमुचू ने बताया JMM के तीसरे विकल्प का प्लान
झामुमो द्वारा बिहार में महागठबंधन में सीट न मिलने पर कांग्रेस और राजद पर निशाना साधा जा रहा है। झामुमो ने बिहार में चुनाव न लड़ने का फैसला किया, जिसके बाद झारखंड में भी महागठबंधन की समीक्षा की बात कही है। कांग्रेस नेता प्रदीप बलमुचू ने झामुमो को आइना दिखाते हुए कहा कि समीक्षा तो कांग्रेस को करनी चाहिए। उन्होंने झामुमो पर तीसरे विकल्प की तलाश करने का आरोप भी लगाया।

दीप बलमुचू ने बताया JMM के तीसरे विकल्प का प्लान
जागरण संवाददाता, घाटशिला। बिहार में महागठबंधन में सीट न मिलने के कारण झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता लगातार बयानों के जरिए कांग्रेस व राजद को निशाने पर ले रहे है। बिहार में झामुमो ने चुनाव न लड़ने का फैसला लेकर झारखंड में भी चुनाव के बाद महागठबंधन की समीक्षा करने जैसी बातों को कहकर राजनीतिक हलचल मचा दी।
इधर बिहार तल्खी के बीच झारखंड की राजनीति में भी इसके असर देखने को मिल रहे। आईएनडीआईए गठबंधन के नेता अब खुलकर एक दूसरे पर बयानों से निशाना साध रहे। बिहार चुनाव के बाद झारखंड में गठबंधन के समीक्षा वाले बयान पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ.प्रदीप कुमार बलमुचू ने झामुमो को आइना दिखाने का काम किया।
प्रदीप बलमुचू ने कहा कि झामुमो समीक्षा कर सकता है, लेकिन समीक्षा तो हमको करना चाहिए हम सपोर्ट कर रहे। समीक्षा हमको करना चाहिए ये बोल रहे हम करेंगे। उलटा गंगा बह रहा है। मुझे लगता कोई न कोई एक तीसरा विकल्प इसके पास है इसलिए इस तरह की बाते कर रहे है। कोई अपने पांव में तो कुल्हाड़ी नहीं मारेगा, सरकार कोई चाहेगी क्या गिर जाए ?।
बिहार में सीट न मिलने पर कांग्रेस को लपेटे में न ले झामुमो
प्रदीप बलमुचू ने कहा बिहार के संदर्भ में झामुमो ने जो बातें कही ठीक है, उन्हें सीट मिलना चाहिए। मगर इस आधार पर सीट नहीं मांगा जा सकता हम झारखंड में 6 दिए तो वहां भी हमको उतना या उससे अधिक दो, जो जहां मजबूत होता सम्मान दिया जाता।
सीट नहीं मिला तो कांग्रेस को क्यों इसपर बोल रहे। कांग्रेस को इससे लेना देना नहीं है, जो बड़ी पार्टी राज्य में वहां उसका निर्णय होता। जैसा झामुमो यहां झारखंड में लेता। हमारे एकमात्र लोकसभा के सीटिंग सीट को भी दबाव देकर ले लिया। अ
ब वे बिहार मामले में कांग्रेस को लपेटे में ले रहे। ऐसे में तो इस आधार पर दिल्ली में भी बोलेंगे की कांग्रेस इन्हें सीट दे। फिर बैंगलोर में झामुमो को सीट चाहिए। ये आधार नहीं होना चाहिए।
बिहार में घोषणा के बाद झामुमो ने उम्मीदवार क्यों नहीं उतारे ?
प्रदीप बलमुचू ने कहा झामुमो ने बिहार में अकेले लड़ने की घोषणा की फिर उम्मीदवार भी नहीं दिया। अब आरोप लगाने का काम कर रहे। ये बताता है कि वहां झामुमो का संगठन नहीं है। वहां कुछ कुछ जगह पर कांग्रेस-राजद में फ्रेंडली फाइट हो रहा।
बातचीत के बाद वहां समन्वय स्थापित हो रहा। कई उम्मीदवार नाम वापस भी ले रहे। झामुमो ने तो उम्मीदवार ही खड़ा नहीं किया। इसका मतलब वहां वह क्षमता भी नहीं था। गठबंधन के सहारे वे लड़ना चाहता था।
झामुमो की बिहार चुनाव में तैयारी नहीं थी। ये बतलाता है की वहां संगठन जरूर नहीं होगा इसलिए कुछ सीट पर भी उम्मीदवार नहीं उतारे। उन्हें भी ये आभास हो गया की अकेले लड़ने से आंकड़ा पता चल जाएगा। वे अब बोल रहे चुनाव के बाद समीक्षा करेंगे, वे समीक्षा कर ही सकते है।
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