एमजीएम अस्पताल में 600 कर्मचारियों की बायोमीट्रिक जांच शुरू, ड्यूटी से गायब रहने वालों पर गिरेगी गाज
जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए 600 कर्मचारियों की बायोमीट्रिक अटेंडेंस शुरू की है। ड्यूटी से गायब रहने और समय पर न आन ...और पढ़ें

फाइल फोटो।
शिकायतों के अंबार के बाद प्रशासन ने कसा शिकंजा
बायोमिट्रिक से खुलेगी हर कर्मचारी की हकीकत
बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू होने के बाद एमजीएम का हर कर्मचारी, चाहे वह डॉक्टर हो या सफाईकर्मी, रियल टाइम डिजिटल निगरानी के दायरे में होगा। इससे स्पष्ट रूप से पता चलेगा कि कौन समय पर आता है, कौन देर से पहुंचता है, कौन बिना सूचना के गायब रहता है और किसने कितने घंटे का कार्य किया।
बायोमीट्रिक सिस्टम के चलते अब न तो रजिस्टर में मनमर्जी से हाजिरी दर्ज की जा सकेगी और न ही किसी दूसरे कर्मचारी से उपस्थिति दर्ज करवाने की कोई गुंजाइश बचेगी। प्रत्येक शिफ्ट की रिपोर्ट सीधे प्रशासन तक पहुंचेगी, जिससे ड्यूटी की वास्तविक स्थिति सामने आएगी।
एमजीएम अस्पताल के 600 कर्मचारियों की सतत निगरानी
मरीजों को मिलेगा सीधा लाभ
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार बायोमीट्रिक रिपोर्ट के आधार पर आने वाले दिनों में कई कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की संभावना बनती दिख रही है। इनमें लगातार अनुपस्थिति पर वेतन कटौती, बार-बार ड्यूटी से गायब रहने पर शोकॉज नोटिस, गंभीर मामलों में विभागीय कार्रवाई या निलंबन और ओवरटाइम व अतिरिक्त भुगतान अब पूरी तरह डिजिटल डेटा के आधार पर तय होना शामिल है।
लंबे समय से उठते रहे हैं सवाल
एमजीएम अस्पताल को लेकर यह आरोप लगातार उठते रहे हैं कि यहां समय पर डॉक्टर नहीं मिलते, कई जांच सुविधाएं कागजों में उपलब्ध हैं, लेकिन व्यवहार में मरीजों को बाहर भेज दिया जाता है, और दवाओं व संसाधनों का समुचित उपयोग नहीं हो पाता। इन परिस्थितियों को देखते हुए उपायुक्त ने यह कार्रवाई शुरू की है।
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के इस कदम के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अब एमजीएम में गैरजिम्मेदारी, मनमानी और ड्यूटी से गायब रहना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बायोमिट्रिक रिपोर्ट के आधार पर कुछ बड़े नामों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

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