सुनील छेत्री टीम इंडिया से बाहर, नए कोच जमील का दो टूक संदेश; दरवाजे बंद नहीं हुए
भारतीय फुटबॉल टीम के नए कोच खालिद जमील ने सुनील छेत्री को आगामी कैफा नेशंस कप के लिए टीम से बाहर कर दिया है। यह फैसला नए खिलाड़ियों को आजमाने और भविष्य के लिए टीम तैयार करने की रणनीति का हिस्सा है। हालांकि कोच जमील ने कहा है कि छेत्री के लिए टीम के दरवाजे पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं और भविष्य में उनकी वापसी संभव है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। भारतीय फुटबाल के अंबर पर दशकों से ध्रुवतारे की भांति चमक रहे सुनील छेत्री के युग पर, टीम के नव-नियुक्त मुख्य कोच खालिद जमील ने अपने एक साहसिक और अप्रत्याशित निर्णय से मानो अल्पविराम लगा दिया है। एक ऐसे कदम से जिसने संपूर्ण खेल जगत में विस्मय की लहरें उत्पन्न कर दी हैं, जमील ने भारतीय फुटबाल के इस महानतम योद्द्धा को ताजिकिस्तान में आयोजित होने वाले आगामी कैफा नेशंस कप के लिए राष्ट्रीय तैयारी शिविर से बाहर रखने का निर्णय किया है।
यह निर्णय इसलिए भी भूचाल लाने वाला है क्योंकि छेत्री ने अपने संक्षिप्त संन्यास से वापसी का ऐलान हाल ही में किया था। यद्यपि, कोच ने यह स्पष्ट कर भविष्य की संभावनाओं को जीवित रखा है कि यह निष्कासन स्थायी नहीं है और टीम के द्वार छेत्री के लिए पूर्णतः बंद नहीं हुए हैं।
नए युग का साहसिक शंखनाद
मुख्य कोच का पदभार संभालने के पश्चात अपने प्रथम महत्वपूर्ण निर्णय में, जमशेदपुर एफसी के पूर्व कोच खालिद जमील ने शुक्रवार को जब कैफा नेशंस कप के लिए संभावित खिलाड़ियों की सूची जारी की, तो उसमें से ''कप्तान, लीडर, लेजेंड'' सुनील छेत्री का नाम नदारद था। यह निर्णय भारतीय फुटबाल में एक नए युग के सूत्रपात का उद्घोष माना जा रहा है, जहां प्रदर्शन और भविष्य की रणनीति को सर्वोपरि रखा जा रहा है।
जून 2024 में खेल को अलविदा कहने के पश्चात इसी वर्ष मार्च में मैदान पर वापसी की घोषणा करने वाले छेत्री के लिए यह एक बड़ा झटका है। कोच जमील ने अपने इस निर्णय से यह कठोर संदेश प्रेषित किया है कि अब टीम में स्थान किसी की कीर्ति या इतिहास के आधार पर नहीं, बल्कि वर्तमान योजनाओं में उनकी उपयुक्तता के आधार पर मिलेगा।
छेत्री को बाहर रखने के निहितार्थ पर जमील ने कहा कि यह नए खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का एक अवसर प्रदान करने की रणनीति का हिस्सा है।
एशियाई कप क्वालिफायर: अग्निपरीक्षा से पूर्व तैयारी
यह तैयारी शिविर 29 अगस्त से ताजिकिस्तान में प्रारंभ हो रहे कैफा नेशंस कप के लिए है, जो कोच खालिद जमील के लिए अपनी रणनीतिक बिसात बिछाने और खिलाड़ियों को परखने का एक महत्वपूर्ण मंच सिद्ध होगा। इस प्रतियोगिता में भारत का सामना ताजिकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान जैसी प्रतिष्ठित एवं शक्तिशाली टीमों से होगा।
यह टूर्नामेंट अक्टूबर में होने वाली एएफसी एशियाई कप क्वालिफायर की वास्तविक अग्निपरीक्षा से पूर्व टीम के संयोजन को अंतिम रूप देने के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस संदर्भ में जमील ने कहा, कैफा नेशंस कप में प्रबल प्रतिद्वंद्वियों के विरुद्ध खेलना हमारी क्षमताओं के मूल्यांकन का एक उत्कृष्ट अवसर होगा। हमारे पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय है, इसलिए किसी भी प्रकार के बहाने की कोई गुंजाइश नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा, ताजिकिस्तान और ईरान जैसी टीमों के विरुद्ध खेलने से प्राप्त अनुभव हमें निसंदेह एएफसी एशियाई कप क्वालिफायर की चुनौतियों के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से सुदृढ़ करेगा।
फिलहाल, बेंगलुरु में चल रहे राष्ट्रीय शिविर में 22 खिलाड़ियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है और शीघ्र ही अन्य खिलाड़ियों के भी इस दल में सम्मिलित होने की प्रबल संभावना है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।