एक अक्टूबर से 12 घंटे करना होगा काम, बदलेगा ऑफिस टाइम; पीएफ व रिटायरमेंट में भी बड़ा बदलाव
फिलहाल कार्य स्थल पर काम का आठ घंटे निर्धारित है। लेकिन एक अक्टूबर से इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अब आपको अपने ऑफिस में आठ के बजाय 12 घंटे ड्यूटी करनी होगी। इसके अलावा पीएफ व रिटायरमेंट में भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है।

जमशेदपुर : केंद्र सरकार पहली अक्टूबर से देश में नया श्रम कोड को प्रभावी करने जा रही है। इसमें काम के घंटे को आठ घंटे से बढ़ाकर अधिकतम 12 घंटे करने का प्रावधान है वहीं पीएफ में कटौती में भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब तक अधिकतर कंपनियां कर्मचारियों के वेतन का 25 प्रतिशत ही उसके बेसिक में दिखाती थी जबकि शेष राशि को एचआरए सहित अन्य भत्तों में जोड़ती थी ताकि कंपनी मालिकों को मूल वेतन के आधार पर ही कर्मचारी का पीएफ देना पड़े।
लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जारी नए आदेश के तहत अब कंपनियों को अपने कर्मचारी का मूल वेतन का 50 प्रतिशत उसके पीएफ में जमा होगी। मूल वेतन यानि बेसिक बढ़ने से कर्मचारियों के पीएफ में भी बढ़ोतरी होगी। लेकिन उसमें कर्मचारियों के सामने सबसे बड़ी समस्या होगी कि कि उनका टेक होम वाली राशि कम हो जाएगी। जब मूल वेतन से आधा पैसा पीएफ में जमा हो जाएगा तो मूल वेतन भी कम मिलेगा।


रिटायरमेंट होगा आसान
प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को 60 साल की सेवा के बाद नाम मात्र की राशि उनके पीएफ व ग्रेच्युटी से मिलती है जिसके कारण उन्हें भविष्य में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों का मूल वेतन से पीएफ कटेगा तो उन्हें सेवानिवृत्त के समय सम्मानजनक पीएफ व ग्रेच्युटी मिलेगी। हालांकि इस नई व्यवस्था से कंपनी मालिकों को भी नुकसान होगा क्योंकि पहले 20 हजार रुपये के मूल वेतन में पांच हजार रुपये के हिसाब से पीएफ देते थे। लेकिन अब उन्हें 20 रुपये के कुल वेतन के हिसाब से पीएफ देना होगा। इससे कंपनियों मालिकों पर प्रत्येक कर्मचारी के हिसाब से भार बढ़ेगा। जिससे उनका बैलेंस शीट भी प्रभावित हाेना तय है।

12 घंटे काम कराने का है प्रस्ताव
श्रम कोड के नए प्रावधानों के अनुसार अब कर्मचारियों को आठ के बजाए 12 घंटे काम लिया जाएगा। नए कानून के तहत 15 से 30 मिनट के बीच अतिरिक्त किए गए काम को 30 मिनट के हिसाब ओवर टाइम में जोड़ा जाएगा। नए कानून के तहत कोई भी कंपनी अपने कर्मचारी से लगातार पांच घंटे काम नहीं ले सकती है। उन्हें हर पांच घंटे के बाद आधे घंटे का विश्राम देना है।
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श्रम कोड का जमशेदपुर में हो रहा है विरोध
केंद्र सरकार के नए श्रम कानून का लौहनगरी जमशेदपुर में काफी विरोध हो रहा है। इंटक की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ओर से पिछले दिनों इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया था। इंटक के राष्ट्रीय सचिव राकेश्वर पांडेय का कहना था कि काफी संघर्ष के बाद देश में आठ घंटे काम का प्रावधान आया लेकिन केंद्र सरकार इसे समाप्त कर रही है। इससे कर्मचारियों का शोषण होगा।

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