गाड़ियाटांडी टोला में सड़क न होने से 3 किमी दूर खड़ी रही Ambulance, झुलसी महिला को खटिया पर ढोकर ले गए परिजन
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड में सड़क न होने के कारण एक झुलसी हुई महिला को खटिया पर 3 किलोमीटर तक ले जाया गया। गाड़ियाटांडी टोला गा ...और पढ़ें

सड़क नहीं होने के कारण आग से झुलसी गाड़ियाटांडी टोला की महिला को खटिया पर लादकर अस्पताल ले जाते परिजन।
सूचना मिलते ही एम्बुलेंस पहुंची, लेकिन वह गांव तक नहीं जा सकी। कारण सड़क ही नहीं थी। एम्बुलेंस दिघी गांव में तीन किलोमीटर पहले ही रुक गई, और वहीं से शुरू हुआ उस महिला का दर्दनाक सफर। खटिया पर ढोकर पहाड़ी नाला पार कराया गया। घटना स्थल से एम्बुलेंस तक पहुंचना किसी परीक्षण जैसा था। ग्रामीणों और परिजनों ने महिला को खटिया पर लिटाया, उबड़-खाबड़ पत्थरों, कीचड़, कंटीले रास्तों और
तस्वीर ने व्यवस्था की पोल खोल दी
एम्बुलेंस तक पहुंचने के बाद धातकी पुर्ति को घाटशिला अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया। 65 प्रतिशत से अधिक झुलसने के कारण चिकित्सकों ने तुरंत उसे एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर रेफर कर दिया।
विकास के दावों पर बड़ा सवाल
गाड़ियाटांडी टोला में सड़क न होने की समस्या नई नहीं है। यह वही टोला है जिसके 200 मतदाताओं ने 2024 विधानसभा चुनाव में सड़क न होने के कारण मतदान का बहिष्कार किया था।
गाड़ियाटांडी टोला में कैसे हुई घटना?
सरकार केवल कागजों पर सड़क दिखाती है
ग्रामीण सगुन पूर्ति ने कहा कि बीमार हो या गर्भवती महिला, सभी को इसी तरह खटिया पर ले जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल कागजों पर सड़क दिखाती है, जमीन पर कुछ नहीं।
गाड़ियाटांडी टोला की यह घटना केवल एक महिला का दर्द नहीं, बल्कि एक पूरे सिस्टम का आईना है। जो बताता है कि जब सड़क नहीं होती, तो जीवन कितनी निर्दयता से रास्ता रोक देता है।

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