Tata, Lakme : 'महाराजा' के बाद अब रतन टाटा के घर आ रही 'लक्ष्मी', 23 साल बाद होगी वापसी
Tata Group हाल ही में टाटा समूह ने एयर इंडिया को 18 हजार की बोली लगाकर खरीद ली। महाराजा की घर वापसी के बाद अब रतन टाटा को लक्ष्मी की वापसी का इंतजार ...और पढ़ें

जमशेदपुर। भले ही लंबा वक्त लगा, लेकिन टाटा समूह में महाराजा (एयर इंडिया) की वापसी हो गई। बस अब लक्ष्मी के आने का इंतजार है। जेआरडी टाटा ने कभी कॉस्मेटिक बिजनेस (सौंदर्य व्यवसाय) में भाग्य आजमाया था। जिसे आप आज लैक्मे के नाम से जानते हैं, वह कभी लक्ष्मी हुआ करती थी। लेकिन बाद में जेआरडी ने इस बिजनेस ने अपना हाथ खींच लिया और हिंदुस्तान यूनीलीवर को बेच दिया।
ब्यूटी बिजनेस पर नजर
जिस तरह टाटा समूह में महाराजा (एयर इंडिया) की वापसी हुई है, उसी तरह एक बार फिर टाटा के घर में लक्ष्मी की वापसी हो रही है। टाटा समूह लगभग 23 साल बाद सौंदर्य प्रसाधन बिजनेस में वापसी कर रही है। एक अनुमान के मुताबिक कॉस्मेटिक का भारतीय बाजार 2025 तक बढ़कर 20 बिलियन डॉलर हो जाएगा। समूह की इसी बाजार पर नजर है।
हाल में टाटा समूह के ट्रेंट लिमिडट के नन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन नोएल टाटा ने इशारा किया कि फुटवियर व अंडरवियर के बाद कंपनी उनकी नजर ब्यूटी प्रोडक्ट पर है। उन्होंने कहा कि ब्यूटी प्रोडक्ट का रिटेल के क्षेत्र में काफी संभावनाएं है।
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2025 तक ब्यूटी बिजनेस हो जाएगा दोगुना
भारत के सौंदर्य प्रसाधन और सौंदर्य बाजार का अनुमान है कि 2017 में 11 बिलियन डॉलर से 2025 तक लगभग दोगुना हो जाएगा। मुंबई को ऑनलाइन ब्यूटी प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनी नाइका ने महामारी के दौरान ब्यूटी प्रोडक्ट की बिक्री में काफी उछाल देखी। कभी स्टार्टअप के तौर पर शुरू हुई यह कंपनीअब एक ब्लॉकबस्टर आईपीओ के बाद $ 13 बिलियन की कंपनी है। इस कंपनी ने Gen Z के पसंद को ध्यान में रखते हुए प्रोडक्ट को मार्केट में उतारा।
सिमोन टाटा ने पेश की थी देश का पहला स्वदेशी ब्यूटी प्रोडक्ट
ब्यूटी प्रोडक्ट सेक्टर में दशकों पहले भारत के सबसे बड़े कारोबारी घराना टाटा का वर्चस्व हुआ करता था। नोएल टाटा की मां सिमोन टाटा ने 1953 में देश की पहली सौंदर्य प्रसाधन कंपनी के रूप में लैक्मे धन की भारतीय देवी, लक्ष्मी के लिए फ्रांसीसी नाम बनाने में मदद की। समूह ने इसे 1998 में यूनिलीवर पीएलसी की स्थानीय इकाई को बेच दिया।

सिमोन टाटा।
ट्रेंट ने कमाई के सारे रिकार्ड तोड़े
10 साल की गैर-प्रतिस्पर्धा काल समाप्त होने के लंबे समय बाद कॉफी-टू-कार समूह ने 2014 में फिर से मैदान में प्रवेश किया। सौंदर्य, जूते और अंडरवियर श्रेणी से ट्रेंट की कमाई लगभग 100 मिलियन डॉलर है, जबकि कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक बाजार अब लगभग 30 अरब डॉलर का है।
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के इक्विटी रणनीतिकार क्रांति बथिनी ने कहा, टाटा समूह के लिए यह चुनौती आसान नहीं है। अन्य कंपनिया में आक्रामक मार्केटिंग कर रही है और अपने स्टोर व वितरण चैनलों का तेजी से विस्तार कर रही है। इन क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा अधिक है।
वेस्टसाइड स्टोर में नजर आएगा ब्यूटी प्रोडक्ट
नोएल टाटा ने कहा कि 103 अरब डॉलर का समूह इन हाउस कॉस्मेटिक ब्रांडों की नई लाइनें पेश करने पर विचार कर रहा है जो कंपनी को मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों को वेस्टसाइड के तहत मौजूदा बड़े आकार के आउटलेट के माध्यम से रिटेल किया जा सकता है इसके इलावा विशेष स्टोर व डिजिटल चैनलों से भी बिक्री की जाएगी।
रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल, रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में ट्रस्टियों में से एक हैं, जो टाटा समूह की मुख्य होल्डिंग फर्म में दो-तिहाई इक्विटी के मालिक हैं। टाटा ट्रस्ट सामूहिक चैरिटी का हिस्सा है। वह दो दशकों से अधिक समय से समूह के खुदरा संचालन की देखरेख कर रहे हैं, जो ज्यादातर ट्रेंट में हैं।
कभी पड़ोस की दुकान से महिलाएं खरीदती थी सौंदर्य प्रसाधन
भारतीय महिलाओं को पड़ोस के स्टोर पर मेकअप और बालों की देखभाल के उत्पाद खरीदने की आदत थी, जहां चयन बहुत कम था और टेस्टिंग की सुविधा नहीं थी। मॉल और सुपरमार्केट स्टोर श्रृंखलाओं के प्रसार के साथ बाजार का आकार भी बढ़ गया है। अब ऑनलाइन स्टोर मुख्य बाजार बन गया है और टाटा की नजर इसी पर है।
नोएल टाटा ने कहा, मुझे लगता है कि हम इन सेगमेंट में अधिक फैशनेबल उत्पादों को तरजीह देने वाले उपभोक्ता व्यवहार में भी बदलाव देख रहे हैं। 1998 में स्थापित ट्रेंट के शेयरों ने 2014 के बाद से टाटा के नेतृत्व में 9 गुना से अधिक की छलांग लगाई और आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड और शॉपर्स स्टॉप लिमिटेड को पछाड़ दिया। इसी साल नवंबर में वह ट्रेंट में एक गैर-कार्यकारी भूमिका में चले गए।
ऑनलाइन-ऑफलाइन
टाटा ने कहा, "मुझे डिजिटल अवसर दिखाई देता है, जिससे हमें अधिक से अधिक ग्राहकों तक पहुंचने में मदद मिलती है। चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। ट्रेंट टाटा क्लिक के साथ भारतीय खुदरा क्षेत्र में ओमनी-चैनल मॉडल को अंगीकार रहा है। उसने हाल ही में Westside.com के साथ अपनी ऑनलाइन उपस्थिति को बढ़ाया है। एक सुपर ऐप, जिसे टाटा समूह विकसित कर रहा है, ग्राहकों तक पहुंच का विस्तार करेगा।
कीमत के प्रति जागरूक खरीदारों को लुभाने के लिए टाटा ने कहा कि टाटा का रिटेल बिजनेस Amazon.com Inc और Flipkart ऑनलाइन सर्विसेज प्राइवेट सहित ई-कॉमर्स दिग्गजों की गहरी छूट की रणनीति से दूर रहेगा। । कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, ट्रेंट की कुल बिक्री का लगभग 90% फुल प्राइस पर है।

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