Jamshedpur News: टाटा मोटर्स की बड़ी डील, 37 हजार करोड़ में इवेको को खरीदने की तैयारी
टाटा मोटर्स इटली की ट्रक निर्माता इवेको को खरीदने की तैयारी में है जिसका सौदा लगभग 375843 करोड़ रुपये का हो सकता है। यह टाटा मोटर्स का सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा जिससे कंपनी को यूरोपीय तकनीक और बाजारों तक पहुंच मिलेगी। इवेको के मुख्य शेयरधारक से हिस्सेदारी खरीदने के बाद टाटा का लक्ष्य कंपनी पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करना है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। भारत की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स एक बहुत बड़ी डील करने जा रही है। कंपनी इटली की मशहूर ट्रक बनाने वाली कंपनी इवेको को खरीदने की तैयारी में है। यह सौदा करीब 3,75,843 करोड़ रुपये (4.5 बिलियन डालर) का हो सकता है।
अगर यह डील पूरी हो जाती है, तो यह टाटा मोटर्स की अब तक की सबसे बड़ी और टाटा समूह की दूसरी सबसे बड़ी खरीदारी होगी। इससे पहले टाटा मोटर्स ने 2008 में प्रसिद्ध कार ब्रांड जगुआर लैंड रोवर को 1,98,717 करोड़ रुपये (2.3 बिलियन डॉलर) में खरीदा था।
इस सौदे के लिए टाटा मोटर्स ने दुनिया के जाने-माने वित्तीय सलाहकार मार्गन स्टेनली और इवेको ने गोल्डमैन सैक्स की मदद ली है।
क्या है अधिग्रहण का मतलब?
जब एक बड़ी कंपनी किसी दूसरी कंपनी को खरीदकर उसका मालिकाना हक हासिल कर लेती है, तो उसे अधिग्रहण कहते हैं। इस सौदे में टाटा मोटर्स इवेको की मालिक बन जाएगी। टाटा मोटर्स की योजना है कि वह सबसे पहले इवेको के मुख्य शेयरधारक यानी सबसे बड़े हिस्सेदार, अग्नेली परिवार की कंपनी 'एक्सोर' से 27.1 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी।
इसके बाद बाकी छोटे शेयरधारकों को उनके शेयर बेचने का प्रस्ताव (टेंडर ऑफर) दिया जाएगा, ताकि कंपनी का पूरा नियंत्रण टाटा के पास आ सके।
टाटा को मिलेगा बड़ा फायदा
इस सौदे से टाटा मोटर्स को बहुत लाभ होने की उम्मीद है। इवेको के पास ट्रक और बस बनाने की आधुनिक यूरोपीय तकनीक है, जिसका फायदा टाटा को मिलेगा। इस डील से टाटा मोटर्स की पहुंच यूरोप, उत्तरी और लैटिन अमेरिका के बड़े बाजारों तक हो जाएगी। अभी इवेको अपनी 74 प्रतिशत कमाई यूरोप से ही करती है।
पुराना है टाटा और अग्नेली परिवार का नाता
टाटा समूह और इवेको के मालिक अग्नेली परिवार के बीच रिश्ते काफी पुराने और गहरे हैं। पहले भी भारत में टाटा और अग्नेली परिवार की कंपनी फिएट मोटर्स ने मिलकर काम किया है। यही वजह है कि दोनों कंपनियां इस सौदे को लेकर सकारात्मक हैं।
अग्नेली परिवार का फेरारी और फिएट जैसी बड़ी कार कंपनियों में भी निवेश है। दिलचस्प बात यह है कि इस सौदे में इवेको का डिफेंस यानी रक्षा उपकरण बनाने वाला विभाग शामिल नहीं है। इवेको ने पहले ही कह दिया था कि वह 2025 के अंत तक अपने इस विभाग को अलग करेगी या बेच देगी।
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