UCIL जादूगोड़ा में ठेका मजदूरों की हड़ताल, आठ सूत्री मांगों को लेकर प्रबंधन से वार्ता विफल
पूर्वी सिंहभूम के जादूगोड़ा स्थित यूसीआईएल में ठेका मजदूरों ने आठ सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। प्रबंधन के साथ वार्ता विफल होने के बाद म ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जादूगोड़ा। पूर्वी सिंहभूम जिले के जादूगोड़ा में स्थित यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) में ठेका मजदूरों ने अपने विभिन्न आठ सूत्री मांगों को लेकर बुधवार से हड़ताल शुरू कर दिया। बीते कल मंगलवार को ही प्रबंधन के संग वार्ता विफल होने के बाद ठेका मजदूरों ने हड़ताल की घोषणा कर दी थी।
इसी के समर्थन में बुधवार को ठेका मजदूर अहले सुबह ही कंपनी गेट के बाहर जुटे व हड़ताल के समर्थन में एकजुटता प्रदर्शित की। इसका असर यूसिल के कई डिपार्टमेंट में देखने को मिलेगा। हड़ताल का नेतृत्व झामुमो के जिला संयोजक प्रमुख सह मजदूर नेता बाघराय मार्डी कर रहे है।
क्या है मजदूरों की आठ सूत्री मांग
ठेका मजदूरों के आठ सूत्री मांगों में मृतक कर्मचारी रांबे सोरेन के आश्रित व मृतक जून माहली के आश्रित को अविलंब नौकरी, ठेका कर्मी मृतक अजय मुर्मू की मृत्यु तिथि सुधार कर डेथ क्लेम इंश्योरेंस उपलब्ध कराने, ठेका कर्मी मृतक दारासिंह नायक की तारीख सुधार कर डेथ क्लेम देने, विस्थापित परिवारों की नियुक्ति सूची (13–24 नंबर) को तुरंत प्रभाव से जारी कर नियुक्ति देने, इएल भुगतान और छुट्टी कटौती पर रोक लगाई लगाने, कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों में सुधार, दुर्घटना में मृतक के आश्रित को तत्काल नौकरी, ठेका कर्मियों की समस्याओं का स्थायी समाधान सम्मिलित है।
इन कार्यों पर पड़ेगा असर
यूसिल में ठेका मजदूरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण यूरेनियम अयस्क ढुलाई, सफाई व्यवस्था, मिल संचालन सहित कई अहम कार्य पूरी तरह से प्रभावित होने की संभावना व्यक्त किया जा रहा है। इससे प्रबंधन के समक्ष भी कई तरह की परेशानी खड़ी होगी।
ठेका मजदूरों की हड़ताल से मरीज हुए परेशान
जादूगोड़ा के यूसिल अस्पताल में बुधवार सुबह 7 बजे उस वक्त अफरा-तफरी की स्थिति बन गई जब जमशेदपुर डायलिसिस कराने जाने के लिए यूसिल अस्पताल पहुंचे चार मरीजों को एम्बुलेंस के चालकों के हड़ताल के कारण एम्बुलेंस वाहन नहीं मिल पाई है।
इसके कारण मरीजों व उनके परिजनों को काफी देर तक अस्पताल परिसर में इंतजार करना पड़ा। इस दौरान मौके पर ठेका मजदूरों का नेतृत्व कर रहे बघराय मारडी व यूसीआईएल प्रबंधन के अधिकारियों संग बहस भी हुई। बघराय ने प्रबंधन से सवाल किया कि जब सभी ठेका मजदूर हड़ताल पर है तब एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी सेवा के लिए स्थायी चालक क्यों नहीं भेजा जा रहा?
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधन जानबूझकर चालक उपलब्ध नहीं करा रहा था, ताकि हड़ताली मजदूरों का मनोबल तोड़ा जा सके। बघराय मारडी ने कहा कि डायलिसिस मरीजों का समय सुबह 11 बजे था ऐसे में देर होने से उनकी तबीयत बिगड़ सकती थी।
निजी चालक की व्यवस्था कर एंबुलेंस को जमशेदपुर भेजा
काफी नोकझोंक के बाद जब प्रबंधन की ओर से कोई स्थायी समाधान नहीं निकला तब मजबूरी में एक निजी चालक की व्यवस्था कर एंबुलेंस को जमशेदपुर भेजा गया। जिससे मरीजों को इलाज के लिए ले जाया जा सका।
इस घटना के बाद अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि हड़ताल के दौरान भी मरीजों की जान बचाने की जिम्मेदारी प्रबंधन की प्राथमिकता होनी चाहिए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।