इंडियन सुपर लीग पर अनिश्चितता के काले बादल, AIFF-FSDL विवाद में फंसे खिलाड़ी
इंडियन सुपर लीग पर अनिश्चितता के काले बादल मंडरा रहे हैं जिससे भारतीय फुटबाल का भविष्य दांव पर लग गया है। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआइएफएफ) और उसके भागीदार फुटबाल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (एफएसडीएल) के बीच मास्टर राइट्स एग्रीमेंट (एमआरए) को लेकर गहराया विवाद अब खिलाड़ियों के करियर और आजीविका पर सीधा असर डाल रहा है। कई क्लबों ने टीम का संचालन रोक दिया है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। इंडियन सुपर लीग (आइएसएल) पर अनिश्चितता के काले बादल मंडरा रहे हैं, जिससे भारतीय फुटबाल का भविष्य दांव पर लग गया है।
अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआइएफएफ) और उसके भागीदार फुटबाल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (एफएसडीएल) के बीच मास्टर राइट्स एग्रीमेंट (एमआरए) को लेकर गहराया विवाद अब खिलाड़ियों के करियर और आजीविका पर सीधा असर डाल रहा है।
कई क्लबों ने टीम का संचालन रोक दिया है और खिलाड़ियों का वेतन तक फ्रीज कर दिया है, जिससे वैश्विक फुटबालर्स बाडी फिफप्रो ने भी गंभीर चिंता जताई है।
क्या है एआइएफएफ और एफएसडीएल का विवाद
मामले की जड़ 2010 में एआइएफएफ और एफएसडीएल के बीच हुआ 15 साल का मास्टर राइट्स एग्रीमेंट है, जो इस साल दिसंबर में समाप्त हो रहा है।
इस समझौते के तहत एफएसडीएल को आइएसएल के आयोजन और इसके प्रसारण व प्रायोजन जैसे सभी वाणिज्यिक अधिकार मिले थे। अब जब यह समाप्त होने वाला है, तो इसके नवीनीकरण को लेकर दोनों पक्षों में बातचीत रूक गई है।
एफएसडीएल ने नए अनुबंध पर स्पष्टता न होने के कारण 2025-26 सीजन को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में फंसा है मामला
इस विवाद को और जटिल बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट का एक मौखिक आदेश है, जिसमें एआइएफएफ को अपने संविधान से जुड़े एक मामले में अंतिम फैसला आने तक कोई भी बड़ा निर्णय लेने से रोका गया है।
इसी वजह से एआइएफएफ और एफएसडीएल के बीच नए समझौते पर बातचीत ठप पड़ गई है। अब इस पूरे मामले पर 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
खिलाड़ियों पर चौतरफा मार
इस अनिश्चितता का सबसे बड़ा खामियाजा खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है। बेंगलुरु एफसी, ओडिशा एफसी और चेन्नईयिन एफसी जैसे कई आईएसएल क्लबों ने अपनी टीम का संचालन रोक दिया है या खिलाड़ियों और स्टाफ का वेतन अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया है।
क्लबों का कहना है कि लीग के भविष्य पर स्पष्टता के बिना उनके लिए संचालन जारी रखना मुश्किल है। क्लबों ने एआइएफएफ को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अगर यह गतिरोध नहीं सुलझा तो उन्हें बंद होने की कगार पर पहुंचा दिया जाएगा।
फिफप्रो ने जताई गहरी चिंता
खिलाड़ियों के वैश्विक संगठन फिफप्रो ने इस स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया है। फिफप्रो ने एक बयान जारी कर कहा कि लीग के अनिश्चितकालीन निलंबन का खिलाड़ियों की आजीविका, करियर और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
संगठन ने क्लबों द्वारा खिलाड़ियों के अनुबंध को एकतरफा और गैरकानूनी रूप से निलंबित करने को उनके श्रम अधिकारों का सीधा उल्लंघन बताया है।
फिफप्रो ने एआईएफएफ, एफएसडीएल और क्लब मालिकों से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द आइएसएल सीजन के शेड्यूल की पुष्टि करें और यह सुनिश्चित करें कि क्लब खिलाड़ियों के प्रति अपने सभी संविदात्मक दायित्वों को पूरा करें। इस मामले को फीफा और एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) के समक्ष भी उठाया गया है।
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