बिहार चुनाव की झारखंड तक तपिश, मैदान में ताल ठोंक रहे किसी के बेटे तो किसी के दामाद
बिहार विधानसभा चुनाव का असर कोडरमा तक पहुंच गया है। भाजपा विधायक नीरा यादव और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी भाजपा के लिए प्रचार कर रही हैं। पूर्व सांसद रवींद्र राय अपने दामाद के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। राजद नेता रामविशुन सिंह के पुत्र किशोर कुणाल जगदीशपुर से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसके लिए कोडरमा के कार्यकर्ता उनका समर्थन कर रहे हैं।
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प्रचार में जुटे नेता। (जागरण)
जागरण संवाददाता, कोडरमा। बिहार विधानसभा चुनाव का असर अब सीमाओं से परे झारखंड के कोडरमा जिले तक
गूंज रहा है। पड़ोसी राज्य का यह सियासी माहौल इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कोडरमा की राजनीति को भी गरमा गया है।
यहां के कई चर्चित चेहरे अपने-अपने दलों के पक्ष में बिहार की धरती पर पसीना बहा रहे हैं। भाजपा से लेकर राजद तक, एनडीए से लेकर महागठबंधन तक के कोडरमा के नेता बिहार की चुनावी रणभूमि में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
स्थानीय भाजपा विधायक नीरा यादव को पार्टी ने बिहार के हिलसा और वजीरगंज विधानसभा क्षेत्रों की प्रभारी बनाया है। वे लगातार जनसभाएं, नुक्कड़ बैठकें और संपर्क अभियान चला रही हैं।
दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। उनके कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में कोडरमा के भाजपा कार्यकर्ताओं की मौजूदगी से माहौल गर्माया हुआ है।
दामाद के लिए प्रचार कर रहे भाजपा पूर्व अध्यक्ष
वहीं, कोडरमा के पूर्व सांसद और झारखंड भाजपा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रवींद्र राय अपने पारिवारिक मोर्चे पर चुनावी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उनके दामाद ऋतुराज, जो जहानाबाद जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर एनडीए प्रत्याशी हैं, के समर्थन में वे कई दिनों से बिहार में कैंप किए हुए हैं।
रवींद्र राय का चुनावी अनुभव और रणनीति अब घोसी के सियासी समीकरणों में नई ऊर्जा भर रही है। उनके सोशल मीडिया पोस्ट और जनसभाएं स्थानीय राजनीति में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
रामविशुन सिंह के पुत्र लड़ रहे चुनाव
दूसरी ओर कोडरमा का एक और चेहरा इस बार महागठबंधन के खेमे से चुनाव मैदान में है। झुमरीतिलैया गांधी स्कूल रोड निवासी एवं सेवानिवृत्त वन अधिकारी रामविशुन सिंह के पुत्र किशोर कुणाल को राजद ने आरा जिले के जगदीशपुर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया है।
रामविशुन सिंह वर्ष 2015 और 2020 में इसी सीट से राजद के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। इस बार उन्होंने अपने पुत्र को राजनीतिक विरासत सौंपते हुए चुनावी मैदान में उतारा है और खुद उनके प्रचार अभियान की कमान संभाल रखी है। किशोर कुणाल के समर्थन में कोडरमा जिला परिषद अध्यक्ष रामधन यादव, खालिद खलील सहित कई स्थानीय कार्यकर्ता बिहार में डेरा डाले हुए हैं।
वे जगदीशपुर क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं और मतदाताओं को कोडरमा से जुड़ाव की कहानी सुना रहे हैं। रामविशुन सिंह का पैतृक घर जगदीशपुर में है, जबकि कोडरमा के झुमरीतिलैया स्थित गांधी स्कूल रोड पर भी उनका आवास है। इस कारण उनका झारखंड और बिहार दोनों जगहों से गहरा जुड़ाव बना हुआ है।
कुल मिलाकर, बिहार चुनाव ने कोडरमा की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। जिले के कई राजनीतिक चेहरे सीमापार जाकर अपनी-अपनी पार्टियों के लिए प्रचार की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कोडरमा के नेताओं की बिहार में सक्रियता न केवल दोनों राज्यों के राजनीतिक रिश्तों को मजबूत कर रही है, बल्कि आने वाले समय में यह सीमावर्ती राजनीति के समीकरण भी बदल सकती है।

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