Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shardiya Navratri 2025: 9 या 10..कितने दिन की होगी शारदीय नवरात्र? यहां नोट करें घटस्थापना और पारण का शुभ समय

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 05:32 AM (IST)

    कोडरमा में इस बार शारदीय नवरात्र 10 दिनों का होगा। पंडितों के अनुसार माता का आगमन हाथी पर होने से सुख और समृद्धि का प्रतीक है। 22 सितंबर से नवरात्र शुरू होकर 2 अक्टूबर को विजयदशमी के साथ समाप्त होगा। शहर में भव्य पंडाल बनाए जा रहे हैं और श्रद्धालु भक्ति भाव से तैयारियों में जुटे हैं। यह नवरात्र तिथियों की विशेषता और माता के आगमन के कारण विशेष होगा।

    Hero Image
    इस नवरात्र हाथी पर होगा मां दुर्गा का आगमन। (फोटो जागरण)

    संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा)। आध्यात्मिक ऊर्जा का महापर्व शारदीय नवरात्र इस बार श्रद्धालुओं के लिए खास होगा। सामान्यतः नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व इस वर्ष 10 दिनों तक मनाया जाएगा।

    एक अतिरिक्त दिन मिलने से भक्तों को माता की उपासना का अवसर और अधिक मिलेगा। नवरात्र को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भव्य पंडाल बनाए जा रहे हैं।

    पंडित जीवकांत झा के अनुसार, नवरात्र का शुभारंभ 22 सितंबर से होगा और समापन 2 अक्टूबर को विजयदशमी के साथ होगा। इस बार माता का आगमन हाथी पर और प्रस्थान मनुष्य की सवारी पर होगा।

    हाथी पर आगमन का क्या है महत्व?

    पौराणिक मान्यता है कि हाथी पर आगमन को सुख, समृद्धि और कृषि वृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इससे वर्षा प्रचुर मात्रा में होती है, दूध और अनाज की पैदावार बढ़ती है तथा समाज में खुशहाली आती है। वहीं मनुष्य की सवारी पर प्रस्थान को साधारण माना जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 21 सितंबर की अर्धरात्रि 1.23 बजे लगेगी और 22 सितंबर की अर्धरात्रि के तीसरे प्रहर 2.55 बजे तक रहेगी। इसी आधार पर प्रतिपदा 22 सितंबर को मानी जाएगी और उसी दिन कलश स्थापना कर मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा होगी। तिथि वृद्धि के कारण इस बार नवरात्र 10 दिनों का होगा।

    चतुर्थी तिथि 25 और 26 सितंबर दोनों दिन रहेगी। 26 सितंबर को सूर्योदय के बाद भी चतुर्थी होने के कारण उसका मान रहेगा। पंचमी तिथि 27 सितंबर को सुबह 8.45 बजे तक रहेगी। तिथि की वृद्धि को शुभ माना जाता है। इससे पहले 2016 में द्वितीया तिथि की वृद्धि के कारण नवरात्र 10 दिनों का पड़ा था।

    पूजन क्रम के अनुसार, 28 सितंबर को बिल्व वृक्ष के पास देवी को निमंत्रण दिया जाएगा और पत्रिका प्रवेश की रस्म होगी। इसके बाद 29 सितंबर को महासप्तमी का अनुष्ठान, नवपत्रिका प्रवेश, सरस्वती पूजा, मूर्ति स्थापना और महानिशा पूजन संपन्न होगा।

    महाष्टमी का व्रत 30 सितंबर को रखा जाएगा, जबकि महानवमी 1 अक्टूबर को होगी। इस दिन श्रद्धालु कन्या पूजन, अपराजिता पूजन, शमी पूजन और हवन कर अनुष्ठानों की पूर्णाहुति करेंगे।

    कब करें पारण

    जो श्रद्धालु केवल प्रतिपदा और अष्टमी का व्रत करते हैं, वे 1 अक्टूबर को पारण करेंगे, जबकि नौ दिनों का व्रत रखने वाले साधक 2 अक्टूबर को विजयदशमी के दिन व्रत का पारण करेंगे।

    1 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 37 मिनट तक हवन किया जाएगा। इसके बाद अगले दिन 2 अक्टूबर को प्रातः 6 बजकर 18 मिनट के बाद मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। इसी दिन विजयदशमी का मेला भी लगेगा।

    नवरात्र पर्व को लेकर लोगों में विशेष उत्साह है। षष्ठी के दिन से ही कई पूजा पंडालों के पट खोल दिए जाएंगे। विभिन्न पूजा समितियां पंडालों की भव्य सजावट और आकर्षक थीम तैयार करने में जुटी हुई हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी रूपरेखा तैयार की जा रही है।

    श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से नवरात्र की तैयारियों में लगे हैं और नगर का वातावरण देवीमय होता जा रहा है। इस बार का नवरात्र न केवल तिथियों की विशेषता के कारण यादगार होगा, बल्कि मां के हाथी पर आगमन से समृद्धि और शुभता का संदेश भी लेकर आएगा।