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    Jharkhand News: तंत्र-मंत्र के आरोप में तीन छात्राओं को स्कूल से निकाल भेजा घर, कक्षा आठ की हैं छात्राएं

    By Arun Vishwakarma Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Tue, 18 Nov 2025 07:34 PM (IST)

    लातेहार के एक विद्यालय से तीन छात्राओं को तंत्र-मंत्र के आरोप में निष्कासित कर दिया गया। बाल संरक्षण इकाई ने जांच में आरोपों को निराधार पाया और उच्च स्तरीय जांच की मांग की। विद्यालय प्रबंधन और इकाई की रिपोर्ट में विरोधाभास है। छात्राओं के परिजनों ने आरोपों को गलत बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। मामला अब जांच के अधीन है।

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    कल्याण विभाग द्वारा संचालित एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय जहां की छात्राओं को तंत्र-मंत्र करने के आरोप में विद्यालय से घर भेज दिया गया।

    संवाद सूत्र, बरवाडीह (लातेहार)। बरवाडीह प्रखंड के मंगरा रोड स्थित कल्याण विभाग द्वारा संचालित एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली तीन छात्राओं को तंत्र-मंत्र करने के आरोप में विद्यालय से घर भेज दिया गया।

    कक्षा आठ की तीनों छात्राओं को कथित भूत-प्रेत, झाड़–फूंक और तंत्र-विद्या जैसी गतिविधियों के आरोप में विद्यालय से घर भेजे जाने का मामला तूल पकड़ चुका है। छात्राओं में दो मंगरा और एक कचनपुर गांव की रहने वाली है। छात्राओं के स्वजनों ने पूरे मामले को निराधार बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

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    विद्यालय प्रबंधन का दावा है कि छात्राओं ने रात के समय छात्रावास तथा महिला शिक्षिकाओं के कमरों के बाहर ओझा-गुणी जैसी हरकतें कीं, जिससे अन्य छात्राएं भयभीत हो रही थीं। इसी आधार पर प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार ने छात्राओं के स्वजनों को बुलाकर बच्चियों को घर ले जाने और किसी अन्य विद्यालय में नामांकन कराने की सलाह दी।

    प्रधानाध्यापक का कहना है कि बच्चियों को निष्कासित नहीं किया गया है, बल्कि सुरक्षा और अनुशासन को देखते हुए घर भेजा गया है।

    एक नवंबर 2025 को हुआ था छात्राओं का नामांकन

    तीनों बच्चियों का नामांकन एक नवंबर 2025 को हुआ था। विद्यालय का कहना है कि तीन नवंबर से ही वे अन्य छात्राओं को डराने लगीं। नए माहौल में पहुंची कोई बच्ची मात्र दो दिनों में कैसे दूसरों को डराने लगेगी, यह सवाल ग्रामीणों और स्वजनों को खटक रहा है।

    स्वजनों ने आरोप लगाया कि उन्हें विद्यालय बुलाकर मनगढ़ंत बातें बताई गईं, जबकि बच्चियों को ऐसी किसी गतिविधि की जानकारी तक नहीं है। उन्होंने प्रधानाध्यापक से बच्चियों को पढ़ाई जारी रखने देने का भी अनुरोध किया, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई।

    बाल संरक्षण इकाई ने की जांच, आरोपों का नहीं मिला कोई प्रमाण

    मामले की शिकायत पर बाल संरक्षण इकाई लातेहार ने संज्ञान लेते हुए एक टीम भेजी। एनजीओ से जुड़ी टीम की सदस्य रूबी कुमारी मंगलवार को विद्यालय पहुंचीं। उनके साथ छात्राओं के स्वजन और सामाजिक कार्यकर्ता एवं कांग्रेसी नेता अवधेश मेहरा भी मौजूद थे।

    शुरुआत में विद्यालय प्रबंधन ने टीम को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। बाद में वरिष्ठ अधिकारियों से बात होने के बाद टीम को अंदर जाने दिया गया। जांच के बाद रूबी कुमारी ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई प्रमाण नहीं मिला है। छात्राओं के साथ किया गया व्यवहार अत्यंत दुखद व अनुचित है। मामले की रिपोर्ट विभाग को भेज दी गई है।

    जांच टीम को स्कूल प्रबंधन का सहयोग नहीं 

    बाल संरक्षण इकाई के सदस्यों ने बताया कि जब उ्होंने विद्यालय प्रबंधन से जानकारी एवं आवश्यक दस्तावेज मांगे तो स्कूल अधिकारियों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। टीम से मिलना भी जरूरी नहीं समझा। यह रवैया स्वयं स्कूल के दावों पर सवाल खड़े करता है और मामले को और संदिग्ध बनाता है।

    सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग, दोषियों पर कार्रवाई हो 

    कांग्रेसी नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता अवधेश मेहरा ने कहा कि बिना सबूत किसी बच्ची पर ऐसे गंभीर आरोप लगाना मानसिक उत्पीड़न जैसा है। उन्होंने पूरे मामले में शामिल जिम्मेदार कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। साथ ही बताया कि मामले की जानकारी स्थानीय विधायक को भी दी गई।

    उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी : विधायक

    मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि बच्चियों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरोपों और विद्यालय प्रशासन के व्यवहार की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी।


    बड़ा सवाल दो दिन में कैसे फैला डर?

    सरकार लगातार अंधविश्वास, तंत्र–विद्या और जादू–टोना के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रही है। ऐसे में एक सरकारी आवासीय विद्यालय से तीन बच्चियों को बिना ठोस सबूत तंत्र - विद्या जैसे आरोपों में बाहर करना कई गंभीर प्रश्न उठाता है।

    नए माहौल में गई छात्राएं खुद घबराती हैं, ऐसे में महज दो दिनों में दूसरों को डराना कितना तर्कसंगत है यह सवाल अब भी अनुत्तरित है। विद्यालय के आरोपों और बाल संरक्षण इकाई की रिपोर्ट में स्पष्ट विरोधाभास ने पूरे प्रकरण को विवादों के केंद्र में ला दिया है।

    छात्राओं के स्वजन व ग्रामीण बच्चियों की शीघ्र पुनः वापसी और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मामला अब प्रशासन के पाले में है और इसकी पारदर्शी जांच की प्रतीक्षा की जा रही है।



    मुझे मामले की जानकारी मिली थी। लेकिन लातेहार बैठक में चले जाने के कारण मैं विद्यालय में नहीं जा सकी। बुधवार को विद्यालय जाकर जांच करुंगी। 
    - रेशमा रेखा मिंज, प्रखंड विकास पदाधिकारी बरवाडीह।



    शिक्षा विभाग को किसी ने कोई सूचना नहीं दी है, मुझे वरीय अधिकारियों से कोई निर्देश प्राप्त होगा तो निर्देशानुसार त्वरित कार्रवाई होगी।
    - जीतेंद्र सिन्हा, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी शिक्षा विभाग बरवाडीह।