Jharkhand News: लोहरदगा से बड़ी संख्या में जारी हुए बाहरी लोगों का जन्म प्रमाण पत्र, डीसी ने कहा- होगी जांच
लोहरदगा से ऐसे लोगों का जन्म प्रमाण पत्र जारी हुआ है जिनका जन्म यहां पर हुआ ही नहीं है और न ही वह यहां के निवासी हैं। लोहरदगा जिला प्रशासन में मामले की जांच शुरू कर दी है। सदर प्रखंड की हिसरी पंचायत से साल 2022 में बड़ी संख्या में लोगों का जन्म प्रमाण पत्र जारी हुआ है।

विक्रम चौहान, लोहरदगा। लोहरदगा से ऐसे लोगों का जन्म प्रमाण पत्र जारी हुआ है, जिनका जन्म यहां पर हुआ ही नहीं है और न ही वह यहां के निवासी हैं। मामले की शिकायत लोहरदगा जिला प्रशासन तक पहुंची है। लोहरदगा जिला प्रशासन में मामले की जांच शुरू कर दी है।
लोहरदगा जिला के सदर प्रखंड की हिसरी पंचायत से साल 2022 में कई लोगों का जन्म प्रमाण पत्र जारी हुआ है। जिन लोगों का जन्म प्रमाण पत्र जारी किया गया है, वह खूंटी, रांची, पाकुड़, सरायकेला, हजारीबाग और दुमका के निवासी बताए जा रहे हैं। जबकि इनमें से किसी का भी जन्म लोहरदगा के हिसरी पंचायत में नहीं हुआ है।
जिन लोगों के बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र जारी हुआ है, उनके पिता के उपनाम कंडुलना, चौधरी, टुडू, यादव, महतो, हेंब्रम, मरांडी, मांझी, बेदिया और मुस्लिम जाति से संबंधित हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब हिसरी पंचायत के मुखिया रवि उरांव को पता चला कि उनके यहां से एक हजार से भी ज्यादा लोगों का प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।
उन्होंने जब इसकी पड़ताल शुरू की तो उनके हाथ 15 जन्म प्रमाण पत्र लगे। साल 2021-22 के दौरान जारी प्रमाण पत्र राज्य के अलग-अलग जिला के लोगों के लिए जारी किए गए थे। जारी किए गए लोगों के जन्म प्रमाण पत्र की जांच करने पर मुखिया ने पाया है कि इनमें से कोई भी व्यक्ति उनके पंचायत के किसी गांव का रहने वाला नहीं है।
इसके बाद मुखिया रवि उरांव ने पंचायती राज पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी। जब वहां पर कार्रवाई नहीं हुई तो मुखिया ने मंगलवार को लोहरदगा उपायुक्त को आवेदन देकर स्थिति से अवगत कराया। साथ ही पंचायत से जारी हुए जन्म प्रमाण पत्र की छाया प्रति भी उपलब्ध कराई है।
इस मामले में मुखिया ने सीधे तौर पर पंचायत सचिव विनोद कुमार दुबे पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पंचायत के सचिव के आइडी से एक हजार से अधिक जन्म प्रमाण पत्र झारखंड के विभिन्न जिलों के निवासियों को अवैध तरीके से निर्गत किए गए हैं। उन्होंने पंचायत सचिव को यहां से हटाने की मांग की है।
साथ ही जारी किए गए जन्म प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग भी की है। मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आते ही जिला प्रशासन ने तत्काल इस मामले की जांच शुरू कर दी है। एक ही पंचायत से अलग-अलग जिला के लोगों के जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।
हिसरी के पंचायत सचिव विनोद कुमार दुबे ने कहा है कि मेरे कार्यकाल से पहले ये जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। जन्म प्रमाण पत्र अलग-अलग आइडी से जारी किए गए हैं। उन्हें जारी किए गए जन्म प्रमाण पत्र के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। मामले में जांच चल रही है।
जबकि मुखिया रवि उरांव ने कहा कि पंचायत में फर्जी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने का मामला सामने आने के बाद उन्होंने पंचायती राज पदाधिकारी को इससे अवगत कराया था। जब मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने उपायुक्त को मामले की जानकारी दी है।
काफी संख्या में राज्य के अलग-अलग जिलों के लोगों का जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया है। उन्हें संदेह है कि नेपाल और दूसरे स्थान के लोगों का भी यहां से प्रमाण पत्र जारी हुआ है। उन्होंने पंचायत सचिव को हटाने और जन्म प्रमाण पत्र रद करने की मांग की है।
मामला संज्ञान में आया है। मामले में जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उससे अवगत कराया जाएगा। - डा. ताराचंद, उपायुक्त, लोहरदगा।
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