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    Jharkhand News: पाकुड़ के लोगों को अब बाहर जाने की जरूरत नहीं, शहर में ही होगी हड्डी की सर्जरी

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 03:05 PM (IST)

    पाकुड़ के लोगों के लिए खुशखबरी! अब हड्डी की सर्जरी के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं। सोनाजोड़ी स्थित सदर अस्पताल में इस माह के अंत तक या दिसंबर माह के पहली सप्ताह से आर्थोपेडिक (हड्डी) का ऑपरेशन शुरु हो जाएगा। इससे मरीजों को यात्रा और रहने के खर्च से मुक्ति मिलेगी, साथ ही बेहतर इलाज भी मिलेगा। अस्पताल में आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था की गई है।

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    पाकुड़ में होगा हड्डी से जुड़ी समस्या का समाधान

    गणेश पांडेय, पाकुड़। जिलेवासियों के लिए अच्छी और बड़ी राहत की खबर है। हड्डी के इलाज और आपरेशन के लिए अब बाहर जाने की बाध्यता खत्म होने वाली है। शहर से करीब सात किलोमीटर दूर सोनाजोड़ी स्थित सदर अस्पताल में इस माह के अंत तक या दिसंबर माह के पहली सप्ताह से आर्थोपेडिक (हड्डी) का ऑपरेशन शुरु हो जाएगा।

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    इस दिशा में जोर-शोर से तैयारी चल रही है। हड्डी का इलाज और ऑपरेशन शुरु होने से संबंधित मरीजों और उसके स्वजनों को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार डीसी ने भी इस दिशा में हरी झंडी दे दी है।

    डीएमएफटी फंड से सारी प्रक्रियाएं पूर्ण की जाएगी। वर्तमान में हड्डी रोग विशेषज्ञ व सर्जन के रुप में डॉ. डेविड पदस्थापित हैं। एक्स-रे टेक्नेशियन के रुप में सुधांशु और उर्मिला मरांडी कार्यरत हैं। इसलिए हड्डियों के ऑपरेशन में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। आर्थोपेडिक सर्जरी शुरु होने से जीवन बेहतर होगा।

    जल्द होगी उपकरणों की खरीदारी

    हड्डियों के ऑपरेशन के लिए अस्पताल प्रबंधन शीघ्र ही उपकरणों की खरीदारी करेंगे। टेंडर निकाला गया है। अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार करीब 30 लाख के उपकरण खरीदे जाएंगे।

    इसमें सी-आर्म सहित ड्रील मशीन, आर्थोपेडिक टेबल सहित अन्य उपकरण शामिल है। डीसी मनीष कुमार ने स्वीकृति दे दी है। अस्पताल प्रबंधन की मानें तो इसी माह के अंत तक खरीदारी की प्रक्रिया पूर्ण होने की संभावना है।

    रॉड व प्लेट लगाना भी होगा आसान

    हड्डी सर्जरी में सी-आर्म मशीन की भी बहुत बड़ी भूमिका होती है। यह मशीन एक्स-रे तकनीक का उपयोग करता है। यह मशीन एक तरफ से एक्स-रे स्रोत को दूसरी तरफ इमेज डिटेक्टर को जोड़ता है।

    सी-आर्म मशीन से रोगी के आंतरिक अंगों का पता चलता है। टूटी हड्डियों को जोड़ने, स्क्रू, प्लेट या रड लगाने तथा सटीक स्थिति को देखने में भी इस मशीन का इस्तेमाल होता है। इस मशीन की भी खरीदारी होने की संभावना है। सी-आर्म मशीन से हड्डियों को जोड़ने का काम आसान हो जाएगा।

    पड़ोसी राज्य जाने की बाध्यता होगी समाप्त

    सदर अस्पताल में हड्डी का ऑपरेशन शुरु होने से पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और बिहार जाने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी। वर्तमान समय में ऐसा देखा जा रहा है कि हड्डी से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए जिले के लोग पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट, मालदा या अन्य स्थानों का रुख करते हैं।

    अधिकतर लोग बिहार के भागलपुर भी इलाज के लिए जाते हैं। इससे संबंधित मरीज और उसे स्वजनों को काफी परेशानी होती है। पैसे की काफी बर्बादी भी होती है। सदर अस्पताल में हड्डी की सर्जरी व इलाज शुरु होने से जिलेवासियों को काफी राहत मिलेगी।

    ऐसा देखा जाता है कि सड़क दुर्घटनाओं में अधिकतर मामले हड्डी टूटने से जुड़े रहते हैं। प्राथमिक उपचार के बाद उसे पश्चिम बंगाल या बिहार के भागलपुर रेफर कर दिया जाता है। पश्चिम बंगाल या भागलपुर ले जाने के क्रम में अधिकतर लोगों की जान भी चली जाती है। अब यह परेशानी शीघ्र ही दूर होने वाली है।

    शीघ्र ही सदर अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जरी शुरु होने वाली है। उपकरण खरीदने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। डीएमएफटी मद से खरीदारी होगी। -सुरेंद्र कुमार मिश्रा, सिविल सर्जन, पाकुड़