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    Jharkhand news: आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव से जूझ रहा था सब्जी विक्रेता, फांसी लगाकर दे दी जान

    By Kundan Sinha Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Wed, 29 Oct 2025 06:02 PM (IST)

    एक सब्जी विक्रेता आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव से परेशान था। इस वजह से उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से उसके परिवार में शोक की लहर है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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    आर्थिक तंगी से परेशान युवक ने आत्महत्या कर ली।

    संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू)। चैनपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव में सोमवार रात एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसकी पहचान 40 वर्षीय संजय चौधरी के रूप में की गई है, जो सब्जी विक्रेता था।

    संजय चौधरी लंबे समय से मानसिक तनाव में था। सोमवार की रात उसने अपने घर में फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया। परिजनों ने जब उन्हें फंदे से लटका देखा तो आनन-फानन में उतारकर चैनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए।

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    वहां से चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए मेदिनीराय मेडिकल कालेज अस्पताल (एमएमसीएच) मेदिनीनगर रेफर किया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया ।

    फिर मृतक के परिजनों को शव सौंप दिया गया। परिजनों ने बताया कि मृतक पिछले कुछ समय से आर्थिक तंगी और घरेलू तनाव से जूझ रहा था।

    ववह पहले भी कई बार आत्महत्या का प्रयास कर चुका था, लेकिन परिवार वालों ने हर बार उसे बचा लिया था। छठ पर्व के कारण सोमवार की रात परिवार के अधिकांश सदस्य घर से बाहर थे, इसी बीच उसने यह कदम उठाया। घटना के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।

    हैदरनगर के प्रख्यात व्यवसायी प्रमोद चौधरी का कैंसर से निधन हो गया।

    हैदरनगर(पलामू) : हैदरनगर के प्रख्यात व्यवसायी प्रमोद चौधरी का कैंसर से निधन हो गया। वह लगभग 50 वर्ष के थे। उनका बस पड़ाव के समीप आंचल स्टूडियो नामक प्रतिष्ठान था।

    निधन की खबर जैसे ही बुधवार को क्षेत्र में फैली, हैदरनगर एवं आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ गई। मृतक के छोटे भाई संतन चौधरी ने बताया कि अप्रैल माह में अचानक तबीयत बिगड़ने पर वाराणसी के एक निजी अस्पताल में जांच के दौरान उन्हें कैंसर की पुष्टि हुई थी। उपचार के बाद कुछ समय तक स्वास्थ्य में सुधार हुआ, लेकिन दो दिन पूर्व तबीयत फिर से बिगड़ गई।

    उन्हें पुनः वाराणसी ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। बुधवार सुबह जब उनका पार्थिव शरीर हैदरनगर पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। पूरे क्षेत्र का माहौल गमगीन हो गया।

    उनका अंतिम संस्कार जपला सोन नदी तट पर किया गया। प्रमोद चौधरी अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्र, दो पुत्रियां एवं भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन पर बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, व्यापारी संघ समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।