Jharkhand News: अजरबैजान से लाए गैंगस्टर मयंक सिंह की रामगढ़ कोर्ट में पेशी, सुरक्षा में थे एंटी लैंड माइंस वज्र वाहन
गैंगस्टर सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह जिसे अजरबैजान से प्रत्यर्पित किया गया था को झारखंड एटीएस ने रामगढ़ कोर्ट में पेश किया। उस पर रामगढ़ जिले के पतरातू थाना क्षेत्र में कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। अजरबैजान की अदालत ने उसके भारत प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी। मयंक सिंह लॉरेंस बिश्नोई और अमन साव गैंग से भी जुड़ा रहा है।

जागरण संवाददाता, रामगढ़। अजरबैजान से प्रत्यर्पण के बाद झारखंड आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने शनिवार को गैंगस्टर सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच छतरमांडू स्थित रामगढ़ कोर्ट में पेश किया गया।
बताया गया कि झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला सफल प्रत्यर्पण है। गैंगस्टर मयंक सिंह को एसीजीएम संदीप कुमार वर्तन के कोर्ट में दिन के करीब 2.30 बजे पेश किया गया। मयंक सिंह पर रामगढ़ जिले के पतरातू थाना क्षेत्र में दर्जनों संगीन आपराधिक कांड में दर्ज है।
एक केस में उस पर आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इसी मामले के आधार पर बाकू अपराध न्यायालय में मुकदमा चला और अजरबैजान की अदालत ने उसके भारत प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी।
मयंक सिंह को पिछले साल अक्टूबर में अजरबैजान के दातू में गिरफ्तार किया गया था। बताया जाता है कि वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और मारे गए झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव गैंग से भी जुड़ा रहा है। झारखंड पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश में थी और उसका प्रत्यर्पण एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
अमन साव गिरोह के विरुद्ध छानबीन के बाद एटीएस ने उसका पता लगाया था और उसकी तलाश में राजस्थान जाकर उसके आवास पर नोटिस भी चिपकाई थी। एटीएस के अनुसार मयंक सिंह गैंगस्टर अमन साव (अब मृत) का वित्तीय व्यवस्था व हथियार आपूर्ति की व्यवस्था संभालता था। एटीएस ने उसकी चल-अचल संपत्तियों की भी जानकारी जुटाई है। उसके अंतरराष्ट्रीय अपराधी लारेंस विश्नोई से भी संबंध बताए जा रहे हैं।
सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह के विरुद्ध सिर्फ झारखंड में 48 मामले दर्ज हैं। ये मामले हजारीबाग जिले के बड़कागांव, केरेडारी, कोर्रा, हजारीबाग सदर, रांची, रामगढ़, पलामू व गिरिडीह में दर्ज हैं। एटीएस को सूचना है कि मयंक सिंह के विरुद्ध छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर व राजस्थान में भी उसके विरुद्ध कई मामले दर्ज हैं।
एटीएस ने रद कराया था पासपोर्ट, जारी कराई थी रेड कार्नर नोटिस
सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह के बारे में जानकारी मिलने के बाद एटीएस ने उसके पासपोर्ट को रद कराया था और सीबीआइ के माध्यम से उसके विरुद्ध रेड कार्नर नोटिस जारी कराया था।
उसकी गिरफ्तारी इंटरपोल की मदद से रेड कार्नर नोटिस के बाद गत वर्ष 29 अक्टूबर 2024 को अजरबैजान में हुई थी। एटीएस की टीम उसे अजरबैजान के बाकू से लेकर आई है। उसे लाने के लिए एटीएस की तीन सदस्यीय टीम 19 अगस्त को अजरबैजान गई थी।
वह विदेश में रहकर झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के कोयला कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों आदि को इंटरनेट काल से धमकाता था और उनसे रंगदारी वसूलता था। सुनील सिंह मीणा खुद को मयंक सिंह बताकर रंगदारी मांगता था। वह अपने आप को अमन साव गिरोह का शूटर बताता था।
भारत के विभिन्न राज्यों में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पिछले साल 10 अक्टूबर को झारखंड पुलिस ने इंटरपोल के माध्यम से एक रेड कार्नर नोटिस प्रकाशित किया था। रेड कार्नर नोटिस सभी 196 सदस्य देशों को एक भगोड़े को हिरासत में लेने के लिए सचेत करता है। अजरबैजान देश के साथ भारत की प्रत्यार्पण संधि पहले से है, जिसके चलते मयंक सिंह को भारत लाने में मदद मिली।
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