सीसीएल की जमीन पर अवैध कब्जे की होड़, प्रबंधन की नाकामी उजागर, यातायात सुविधा हो रही प्रभावित
बरकाकाना में सीसीएल प्रबंधन अवैध कब्जों को हटाने में विफल रहा है जिससे जमीन पर कब्जे की होड़ बढ़ गई है। सड़क किनारे फ्लाई एश डालकर जमीन तैयार की जा रही है और दुकानें खड़ी हो रही हैं। इससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है और अराजकता का माहौल बन रहा है। सीसीएल की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

संवाद सूत्र, बरकाकाना (रामगढ़)। बरकाकाना में सीसीएल प्रबंधन अब तक क्वार्टरों से अवैध कब्जा खाली नहीं करा सकी है, जबकि दूसरे तरफ जमीन कब्जे की होड़ शुरू हो गई है। सड़क किनारे फ्लाई एश (छाई) गिराकर जमीन तैयार की जा रही है और कब्जा किया जा रहा है।
हैरानी की बात यह है यह सब केंद्रीय कर्मशाला प्रबंधन और सुरक्षा विभाग के नाक के नीचे हो रहा है। इससे बड़े पैमाने पर मिलीभगत और बंदरबांट की संभावनाएं जताई जा रही है। रामगढ़-पतरातू मेन रोड पर डेली मार्केट में नगर परिषद ने सब्जी विक्रेताओं को जगह दी थी, लेकिन अब डेली मार्केट का अवैध रूप से विस्तार दिख रहा है।
बीते साल सुरक्षा विभाग में इक्का-दुक्का दुकानों का बांस बल्ली गिराया था। इसके बाद नाटकीय ढंग से सब कुछ मैनेज हो गया और दुकानें खड़ी हो गई है। जमीन कब्जे की होड़ में वन विभाग के द्वारा लगाए गए पौधों को भी नष्ट कर दिया गया है।
वहीं सड़क के अगल-बगल दुकान खड़ी होने से यातायात व्यवस्था भी असुरक्षित हो रही है। अतिक्रमण और अवैध कब्जे के जंजाल में फंसी सीसीएल की नींद अब भी नहीं खुल सकी है।
मिलीभगत और बंदरबांट से क्वार्टर पर अवैध कब्जा और जमीन कब्जाने की मची होड़ आने वाले समय में निश्चित रूप से अराजकता का माहौल तैयार कर लेगी। इससे विधि व्यवस्था को बड़ी चुनौती भी मिल सकती है।
बताते चले कि सीसीएल क्वार्टरों से कब्जा खाली करने के लिए प्रबंधन ने तीन बार अल्टीमेटम जारी किया था, बावजूद इसके अब तक कब्जा नहीं हटाया जा सकता है।
दूसरी तरफ अवैध कब्जे की जानकारी प्रबंधन और सुरक्षा विभाग को भली भांति है, जिससे उनकी कार्यशैली पर सवाल उठना स्वाभाविक है। वही यही अतिक्रमणकारियों कल हटाए जाने पर पुनर्वास और मुआवजे की मांग करेंगे और कहेंगे कि चार पुश्तों से यही बसे हुए हैं।
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