JSSC: 10,592 चयनित सहायक आचार्यों के लिए खुशखबरी, पांच सितंबर को मिल सकता है नियुक्ति पत्र
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से अनुशंसित 10592 सहायक आचार्यों को पांच सितंबर को नियुक्ति पत्र सौंपा जा सकता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चयनित सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र देंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने सभी जिलों को 31 अगस्त तक काउंसेलिंग की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है।

राज्य ब्यूरो,रांची। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से अनुशंसित 10,592 सहायक आचार्यों को पांच सितंबर को नियुक्ति पत्र सौंपा जा सकता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चयनित सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र देंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।
विभाग ने सभी जिलों को 31 अगस्त तक काउंसेलिंग की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। बताते चलें कि छठी से आठवीं कक्षा में स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य के विज्ञान-गणित विषय के लिए 1,683, भाषा विषय के लिए 1,059 तथा सामाजिक विज्ञान के लिए 3,033 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं।
इसी तरह, पहली से पांचवीं के इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य के पद के लिए 4,817 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं।
रांची में आयोजित होनेवाले कार्यक्रम में प्रत्येक जिला से विभिन्न विषयों एवं कक्षा के लिए चयनित एक-एक अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र लेने के लिए बुलाया जाएगा। शेष अभ्यर्थियों को संबंधित जिला में ही नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।
अनुबंध शिक्षकों ने सेवा में बनाए रखने की लगाई गुहार
अंगीभूत कालेजों में कार्यरत अनुबंध शिक्षकों ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मिलकर सेवा में बनाए रखने की गुहार लगाई।
गुरुवार को झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय अनुबंध शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के एक शिष्टमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर अवगत कराया कि वे पिछले पांच से 15 वर्षों तक राज्य के कालेजों में सेवाएं देते रहे हैं।
लेकिन कालेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद होने के कारण उनके समक्ष गंभीर बेरोजगारी की समस्या हो गई है। शिष्टमंडल ने इस दिशा में राज्यपाल से पहल करने का आग्रह किया।
इधर, राज्य स्तरीय पंचायत सहायक संघ के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने भी राज्यपाल से मिलकर पंचायत सहायकों के सदस्यों को हो रही समस्याओं एवं मांगों से अवगत कराया।
बताया कि 15 मार्च 2024 को कैबिनेट के निर्णय के बाद भी बिना कोई कारण और सूचना का लगभग एक वर्ष के लिए पंचायत सहायकों की चयन प्रक्रिया और प्रोत्साहन राशि को विभाग द्वारा रोका गया।
कैबिनेट में पंचायत सहायकों को प्रतिमाह 2500 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया था, वह भी नियमित रूप से नहीं मिल रहा है। पंचायत सहायकों का पहले का भी बहुत सारा प्रोत्साहन राशि बकाया है।
राज्यपाल से कुशवाहा अति पिछड़ा संघर्ष अधिकार मोर्चा का एक शिष्टमंडल ने राजभवन में भेंट कर झारखंड में में निवास कर रहे कुशवाहा (कोइरी), सुकियार (मेहता) एवं चासा (चासियार) जातियों को बीसी-1 (अति पिछड़ा वर्ग) की सूची में सम्मिलित करने हेतु पहल करने का आग्रह किया।
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