Jharkhand news: पर्यटन व ऊर्जा निगम से 109 करोड़ की अवैध निकासी, मामले में कोलकाता से दो गिरफ्तार
झारखंड पर्यटन विकास निगम और ऊर्जा निगम के खाते से 109 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में सीआइडी की एसआइटी ने कोलकाता से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान कुशल बनर्जी और अरुण पांडेय के रूप में हुई है। एसआईटी ने पहले ही दो बैंक मैनेजर सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है और अब किंगपिन की तलाश जारी है।

झारखंड के पर्यटन विकास निगम व ऊर्जा निगम के खाते से 109 करोड़ रुपये की फर्जी तरीके से निकासी के मामले में सीआइडी की एसआइटी ने कोलकाता से दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
राज्य ब्यूरो, रांची । झारखंड के पर्यटन विकास निगम व ऊर्जा निगम के खाते से 109 करोड़ रुपये की फर्जी तरीके से निकासी के मामले में सीआइडी की एसआइटी ने कोलकाता से दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में गठित एसआइटी ने इस मामले में जिन्हें गिरफ्तार किया है, उनमें पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले का रहने वाला कुशल बनर्जी व अरुण पांडेय शामिल हैं। एसआइटी ने दोनों ही आरोपितों को गिरफ्तार कर रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिया है।
जेल जाने से पूर्व पूछताछ में दोनों ही आरोपितों ने स्वीकारा है कि अवैध तरीके से निकासी के मामले में कोलकाता के सात आरोपित शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपितों ने किंगपिन की भी जानकारी दी है, जिसकी एसआइटी तलाश कर रही है।
एसआइटी की एक टीम कोलकाता में कैंप कर रही है। एसआइटी ने इस मामले में अब तक दो बैंक मैनेजर सहित नौ को गिरफ्तार किया था। पूर्व में एक चार्जशीट दाखिल की गई थी, एक सप्ताह के भीतर एसआइटी पूरक चार्जशीट दाखिल करने वाली है।
पर्यटन व ऊर्जा निगम और बैंक अधिकारियों-कर्मियों को झांसे में लिया
एसआइटी ने जांच में पाया कि कोलकाता से कुशल बनर्जी व अरुण पांडेय अपने अन्य साथियों के साथ झारखंड आया। यहां पर्यटन व ऊर्जा निगम के कुछ कर्मियों व अधिकारियों को अपने झांसे में लिया। रुपयों के निवेश की जानकारी दी।
आरोपितों ने सबसे पहले पर्यटन निगम के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरजा प्रसाद सिंह को अपने झांसे में लिया था। गिरजा प्रसाद के माध्यम से ही आरोपितों ने केनरा बैंक निफ्ट हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार और सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया बिरसा चौक के ब्रांच मैनेजर लोलस लकड़ा को संपर्क में लिया। इसके बाद पर्यटन व ऊर्जा निगम के खातों से 109 करोड़ रुपये को अवैध तरीके से हस्तांतरित कर लिए।
फ्रीज खातों में जमा 50 करोड़ रुपये वापस कराने के लिए कोर्ट जाएगी
एसआइटी ने 109 करोड़ रुपये की अवैध निकाएसआइटीसी मामले में पूर्व की जांच में 350 बैंक खातों की पहचान की थी। आरोपितों के खातों में पड़े 50 करोड़ रुपये को एसआइटी ने फ्रीज कराया था।
एसआइटी ने ही पर्यटन व ऊर्जा निगम के लिए दूसरे बैंक खाते खुलवाए हैं, जिनमें उक्त फ्रीज 50 करोड़ रुपये वापस कराने के लिए एसआइटी कोर्ट से अनुमति ले रही है। एसआइटी ने 50 से अधिक खाता धारकों को नोटिस भेजा है और जवाब मांगा है।
उन्हें कहा गया है कि वे स्वेच्छा से अपनी गलती स्वीकारते हुए रुपये वापस करें, नहीं तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होगी। अगर खाता धारक स्वीकारते हैं कि उनके खाते में जो रुपये आए, उसकी उन्हें जानकारी नहीं थी तो वे उसे वापस कर देंगे। उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। अगर स्थानांतरित राशि उन्होंने खर्च कर दी गई है तो इसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।

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