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    Chhath Day 2 Kharna: छठ पर्व में खरना का क्या है महत्व? यहां जानिए पूरा विधि-विधान

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 01:36 PM (IST)

    छठ पर्व के दूसरे दिन खरना का विशेष महत्व है। इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को विशेष पूजा करते हैं। खरना में गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद बनता है, जिसे सूर्य देव को अर्पित करने के बाद ग्रहण किया जाता है। खरना का प्रसाद शुद्धता और जीवन का प्रतीक है।

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    छठ के लिए अनाज जुटाती महिलाएं

    जागरण संवाददाता, रांची। शनिवार को चार दिवसीय छठ महापर्व आरंभ हो गया। पहले दिन नहाय खाय का अनुष्ठान संपन्न हो गया। नहाय-खाय के दिन व्रतियों ने सात्विक भोजन ग्रहण किया। इस दिन कद्दू-भात खाया जाता है। इसमें अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी शामिल होती है।

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    व्रतियों ने बिना लहसुन और प्याज के शुद्ध घी या सरसों के तेल और सेंधा नमक में बनाया। इसे सबसे शुद्ध और पवित्र भोजन माना जाता है। इस तरह चार दिवसीय पर्व कद्दू भात के साथ शुरू हुआ। यह व्रतियों को काफी ऊर्जा प्रदान करता है।

    कद्दू एक ऐसी सब्जी है जिसमें पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है। चार दिन के कठिन व्रत, जिसमें 36 घंटे का निर्जला उपवास भी शामिल है, से पहले कद्दू का सेवन व्रती के शरीर को पर्याप्त पानी, ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करता है, जिससे शरीर लंबे उपवास के लिए तैयार हो जाता है।

    खरना का मतलब क्या?

    आज यानी रविवार को खरना शुरू होगा। ‘खरना’ का अर्थ होता है शुद्धता। इस दिन पर शुद्धता व पवित्रता का खास तौर से ध्यान रखा जाता है, ताकि पूजा में किसी तरह की बाधा न आए। व्रती प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के नए चूल्हे का इस्तेमाल करती हैं।

    चूल्हा जलाने के लिए आम की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे प्रसाद की पवित्रता बनी रहती है। इस दिन पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को देवी-देवताओं और छठी मैया को भोग लगाने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।

    सोमवार को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और मंगलवार को उगते हुए सूर्य का। इसके साथ ही चार दिवसीय छठ व्रत पारण के साथ संपन्न हो जाएगा।

    गलियों में गूंज रहे छठ गीत

    छठ व्रत को लेकर शहर की गलियां गुलजार हैं। घरों को भी सजाया गया है। घाट, तालाब, डैम आदि की सजावट की गई है। स्वयं सेवी संस्थाएं और नगर प्रशासन भी घाटों की सजावट में लगा हुआ है। छठ गीत भी बज रहे हैं।

    मोनिका मुंडू सहित कई लोक गायिकों के गीत बज रहे हैं। वहीं संस्थाएं दूध, लकड़ी, गंगा जल आदि का भी वितरण करेंगी। शनिवार को भी कई संस्थाओं ने आम की लकड़ी का वितरण किया। आज दूध का वितरण करेंगी।